Friday, January 07, 2011

गुर्जरों और सरकार के बीच ११ बिंदुओं पर सहमति

जयपुर. आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 17 दिन से रेल पटरियों पर बैठे गुर्जरों और सरकार के बीच 5 दिसंबर को समझौता हो गया। आठ घंटे तक चली बातचीत में सरकार ने गुर्जरों की अधिकांश मांगें मान ली।
गुर्जरों और सरकार के बीच ११ बिंदुओं पर सहमति हुई। इनके क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी। इसमें गृह विभाग के उपशासन सचिव ओपी यादव भी शामिल होंगे।
इन मांगों पर सहमति 
  •  देवनारायण बोर्ड का बजट बढ़ाने का फैसला विधानसभा के आगामी बजट सत्र में किया जाएगा। 
  •  एसबीसी आरक्षण का अंतिम फैसला होने के बाद इसे नवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा। 
  •  जिन हथियार लाइसेंस के मामलों में आपराधिक मामला नहीं होगा उनके लाइसेंस रिन्यू होंगे तथा जब्त हथियार लौटा दिए जाएंगे।  
  •  आंदोलनों  के दौरान अपाहिज होने वालों को मापदंडों में छूट देकर विकलांग पेंशन दी जाएगी। 
  • आंदोलनों में गंभीर घायलों को इलाज के लिए मुआवजा दिया जाएगा।
  • निजी अस्पताल में इलाज करवाने वाले घायलों को सरपंच या स्थानीय निकाय जनप्रतिनिधि का प्रमाण पत्र मेडिकल बिल के साथ देने पर मुआवजा दिया जाएगा। 
  •  मृतक आश्रितों को नौकरी : गुर्जर आंदोलनों में सभी मृतकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। 
  •  एसबीसी की जातियों के लिए एसटी विकास की तर्ज पर योजनाओं का विशेष पैकेज बनाया जाएगा। 
  • एसबीसी छात्रों को एससी एसटी की तर्ज पर प्री और पोस्टमैट्रिक छात्रवृतियां मिलेंगी। छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा बढ़ेगी। एसबीसी बहुल इलाकों में स्कूल, कॉलेज, तकनीकी संस्थान, और छात्रावास की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। 
  • निजी अस्पताल में इलाज करवाने वाले घायलों को सरपंच या स्थानीय निकाय जनप्रतिनिधि का प्रमाण पत्र मेडिकल बिल के साथ देने पर मुआवजा दिया जाएगा। 
  •  मृतक आश्रितों को नौकरी : गुर्जर आंदोलनों में सभी मृतकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। 
  •  एसबीसी की जातियों के लिए एसटी विकास की तर्ज पर योजनाओं का विशेष पैकेज बनाया जाएगा। 
  •  एसबीसी छात्रों को एससी एसटी की तर्ज पर प्री और पोस्टमैट्रिक छात्रवृतियां मिलेंगी। छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा बढ़ेगी। एसबीसी बहुल इलाकों में स्कूल, कॉलेज, तकनीकी संस्थान, और छात्रावास की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। 

आरक्षण : अभी %, % के लिए सर्वे
गुर्जरों को % आरक्षण पहले की तरह मिलता रहेगा। शेष बचे % आरक्षण दो विकल्पों से मिलेगा-
विकल्प 1 : सरकार हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर करेगी और विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) का सर्वे पूरा नहीं होने तक ५त्न आरक्षण जारी रखने का तर्क रखेगी। जरूरत पड़ी तो सुप्रीमकोर्ट भी जाएगी।
विकल्प : हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार एसबीसी की जातियों का पिछड़ापन साबित करने के लिए छह
माह में सर्वे पूरा कराया जाएगा। सर्वे के बाद एसबीसी में और जातियां जुड़ती हैं तो आरक्षण अलग से बढ़ा
दिया जाएगा।
भर्तियां : नहीं रुकेंगी, %पद रिजर्व
नई भर्तियां जारी रहेंगी। इनमें ४त्न पद एसबीसी के लिए सुरक्षित रहेंगे। हाईकोर्ट की तय प्रक्रिया पूरी होने के
बाद एक विशेष अभियान चलाकर तीन महीनों में ये पद भरे जाएंगे। एसबीसी को इसके लिए आयु सीमा में छूट भी मिलेगी। 
रोस्टर प्रणाली में बदलाव होगा
फिलहाल एसबीसी को रोस्टर प्रणाली में ९७वें नंबर पर आरक्षण दिया जा रहा है। इस कारण ९७ नौकरी निकलने पर एक पद आरक्षित रहता है। चार प्रतिशत आरक्षण का फैसला होने पर इसमें बदलाव होगा और २०, ४०, ६०, ८० बिंदु पर आरक्षण मिलेगा।
मुकदमे : सदस्यीय समिति निबटाएगी
आरक्षण आंदोलनों में गुर्जरों पर दर्ज 170 मामलों का गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके देब की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय कमेटी दो महीने में निपटारा करेगी। तेलंगाना में आंदोलनकारियों को रिहा करने के तरीके की जानकारी ली जाएगी। इस पैटर्न को यहां भी लागू किया जा सकता है। सरकार मुकदमे वापस लेने के लिए  केंद्र और रेलवे को पत्र लिखेगी।  th>

यूं मिलेगा आरक्षण 
विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) के 1प्रतिशत आरक्षण को रोस्टर में  के अनुसार प्राथमिकता दे सुरक्षित करने पर सहमति।  
क्या होगा? : एसबीसी को रोस्टर के पहले 20 नंबरों में शामिल किया जाएगा। इससे अगर 20 नौकरियां घोषित होती हैं तो एसबीसी को एक प्रतिशत का लाभ मिल सकता है। अगर 97 नौकरियां एक साथ निकलती हैं एक प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा बाकी 4 प्रतिशत सीटें रिजर्व रहेंगी। 
नौकरियों की राह खुली 
कर्नल बैसला और सरकार के बीच हुए समझौते में इस बात पर सहमति बन गई है कि पूर्व में घोषित एक लाख नौकरियां नहीं रोकी जाए। गुर्जर इन नौकरियों को रोकने की मांग पर अड़े थे और इसी कारण पिछले कई दिनों से बातचीत के बाद सुलह नहीं हो पाई थी। 
डाटा कलेक्शन ६ माह में 
सरकार छह माह में साइंटिफिक डाटा कलेक्शन कर गुर्जरों के बाकी के चार प्रतिशत आरक्षण का फैसला करेगी। यह डाटा कलेक्शन समूचे ओबीसी का होगा। कोर्ट का फैसला लागू करने के लिए तय किया गया 2 माह का समय इससे अलग हैं। पिछड़ेपन के मापदंड तय करने में गुर्जरों की राय ली जाएगी।  
मुकदमे जल्द निबटेंगे  
आरक्षण आंदोलनों के दौरान दर्ज मुकदमों का निपटारा करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. देब की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी जो मामलों की समीक्षा कर निपटारा करेगी। मुकदमों के कारण नौकरियों में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए कलेक्टर सहयोग करेंगे। वे चरित्र प्रमाण पत्र दिलवाएंगे जिससे गुर्जरों को नौकरियां मिल सकेंगी। 
देवनारायण बोर्ड का बजट बढ़ेगा 
देवनारायण बोर्ड पूरे एसबीसी वर्ग के लिए संपूर्ण राजस्थान में काम करेगा। इसका बजट 500 करोड़ करने के साथ ही सालाना वृद्धि की जाएगी। इसमें अध्यक्ष गुर्जर समाज से होगा और सदस्य बाकी रैबारी, बंजारा, गाडिय़ा लुहारों में से हो सकते हैं।  
रिव्यू पिटिशन दायर करेंगी सरकार   
गुर्जरों के साथ वार्ता में सरकार ने भरोसा दिलाया है कि गुर्जर आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट की ओर से दिए फैसले पर सरकार रिव्यू पिटिशन दायर करेगी। इस पिटिशन में हाईकोर्ट के फैसले से पहले की स्थिति यथावत रखने का आग्रह किया जाएगा।

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