गुर्जर चाहते हैं आरक्षण मिलने तक भर्तियां रुकें, सरकार सहमत नहीं, रविवार को चले वार्ता के दौर में कुछ बिंदुओं पर सहमत हुए बैसला, आज फिर बातचीत
उम्मीद जताई।
वार्ता के बाद गुर्जर नेता किरोड़ी बैसला ने मीडिया से कहा कि वे चाहते हैं कि आरक्षण मिलने तक सरकार भर्तियां रोके, जबकि सरकार इस पर सहमत नहीं है। सरकार कोर्ट में गुर्जरों को आरक्षण देने का विशेष कारण जल्दी बताए और हमारे आरक्षण पर कोर्ट की भी मुहर लगवाए। डॉ. जितेन्द्रसिंह ने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देश को सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकार मामले का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान चाहती है, लेकिन अब गुर्जरों को अपना पक्ष कमेटी के सामने रखना होगा।
इन सवालों का क्या
गुर्जरों को 5' आरक्षण 50' के अंदर मिलेगा या उसके बाहर। बैसला का कहना है कि उन्हें वैधानिक आरक्षण चाहिए। ओवरएज होने वाले विशेष पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट कितनी मिलेगी। केवल 15 दिन या इससे ज्यादा?
....और यूं बिगड़ी बात
सहमति के आधार पर सुबह बने ड्राफ्ट पर गृह सचिव प्रदीप सेन तो दस्तखत कर भी चुके थे। बैसला ने दस्तखत के लिए पेन खोला तो एक गुर्जर नेता ने कहा कि साथ आए अन्य नेताओं की सहमति भी लेनी चाहिए। इस पर ओमप्रकाश भड़ाना, हिम्मतसिंह, अतरसिंह एडवोकेट सहित कुछ लोगों को बुलाया गया। ये सभी 3 मई तक ही भर्तियां रोकने पर सहमत नहीं हुए। कैप्टन हरप्रसाद तंवर सहित कुछ प्रतिनिधि आरक्षण मिलने तक भर्तियां रोकने की मांग करने लगे। इससे बात बिगड़ गई।
यह था समझौते का ड्राफ्ट
गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हाई कोर्ट के निर्देशों के तहत सरकार ने रविवार को कमेटी बना दी। यह कमेटी 3 मई को पहली पेशी पर कोर्ट में अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप देगी। तब तक सरकार भर्तियों पर रोक रखेगी। यदि इस बीच कोई अभ्यर्थी आयु सीमा पार करता है तो उसे आयु सीमा में छूट दी जाएगी। भर्तियां रोकने की बात को छोड़कर इन बिंदुओं पर बातचीत में सहमति बन गई थी।
जस्टिस इसरानी की अध्यक्षता में बनाई कमेटी
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने गुर्जरों के मुद्दे का हल निकालने के लिए रिटायर्ड जज आई.एस. इसरानी की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय समिति बनाई है। इसमें सांसद रतनसिंह, विधायक रामस्वरूप कसाना, पूर्व सांसद डॉ. करणसिंह, रिटायर्ड आईएएस सत्यनारायण सिंह व एडवोकेट वीरेंद्र सिंह गुर्जर सदस्य होंगे। आईएएस निरंजन आर्य को समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है। यह समिति गुर्जर आंदोलन के सभी मुद्दों पर विचार करेगी और अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेगी।
(दैनिक भास्कर से साभार)
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