Sunday, November 20, 2011

भांडारेज में गुर्जरों का महापड़ाव

महापंचायत में बैसला ने किया एलान, दो दिन में आरक्षण की घोषणा नहीं तो मंगलवार को करेंगे जयपुर के लिए पैदल कूच, शांतिपूर्ण ढंग से किया जाएगा मार्च

भांडारेज (दौसा जिला ). गुर्जरों को विशेष पिछड़ा वर्ग में 5 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर रविवार को हुई समाज की महापंचायत, महापड़ाव में बदल गई।  कर्नल किरोड़ी बैसला ने इसका एलान करते हुए कहा कि दो दिन इंतजार करेंगे। इस दौरान सरकार की ओर से कोई प्रतिनिधि आकर आरक्षण की घोषणा नहीं करेगा तो मंगलवार को जयपुर के लिए पैदल कूच करेंगे।
महापंचायत में बैसला ने 17 नवंबर को मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक की पूरी जानकारी समाज के लोगों को दी। उन्होंने बताया कि वे पूरा मानस बनाकर गए थे, कि 5 प्रतिशत आरक्षण के अलावा हमें कोई और बात मंजूर नहीं होगी। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर हमारे पास अब कोई और रास्ता नहीं बचा है।
आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष कैप्टन हरप्रसाद तंवर ने कहा कि राज नेताओं को बुलाया जाए। नहीं आने वालों को सबक सिखाया जाए। प्रदेश प्रवक्ता हिम्मतसिंह पाड़ली ने कहा कि दोनों दलों की सरकारों ने समझौते से मुकरने का काम किया। लालसोट में जातीय संघर्ष में मरे लोगों की हत्या के आरोपियों के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। पूर्व विधायक हरज्ञान सिंह गुर्जर ने कहा कि सरकार एसबीसी में कई जातियों को शामिल करना चाहती है। गुर्जर महासभा के प्रदेशाध्यक्ष मनफूल सिंह ने कहा कि गुर्जरों के सब्र का बांध टूट चुका है। आरक्षण नहीं मिला, तो सरकार के लिए भंवरी कांड से अधिक नुकसानदेह गुर्जर कांड होगा। ओमप्रकाश भडाना ने कहा कि सरकार ने गुर्जरों की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है।
महापंचायत में श्रीराम बैसला, रणवीर सिंह, अलका सिंह, बंटी गुर्जर, रामकिशन बैनाड़ा, भूरा भगत, जवाहर सिंह, ऊदलसिंह पेंचला, भंवरसिंह, शिवचरण, कीर्ति सिंह, प्रेमसिंह सेंदड़ा, विकास गुर्जर, शांताराम, ज्ञानेंद्र सिंह, लखपत सिंह, रामेश्वर गुर्जर, पूरण प्रधान, अक्रूर सिंह, राजकुमारी गुर्जर, रमेश धाभाई, दानसिंह, पूखाराम, बहादुरसिंह, खेमराज देसाई, मेहरा राम, नंदकिशोर, ज्ञानसिंह ने भी संबोधित किया। संचालन ओमप्रकाश भडाना ने किया।
कलेक्ट्रेट पर धरना दे रहे लोगों को भी लाया जाएगा महापड़ाव में
बैसला ने कहा कि लालसोट कांड में पीडि़तों को न्याय के लिए कलेक्ट्रेट पर धरना दे रहे लोगों को ससम्मान महापड़ाव में लाया जाएगा। लालसोट प्रकरण का फैसला भी अब महापड़ाव स्थल पर ही किया जाएगा।

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