Friday, November 18, 2011

सामाजिक बुराइयां छोड़ें, शिक्षा से नाता जोड़ें : अन्ना पाटिल

पुष्कर में हुआ अखिल भारतीय गुर्जर महासभा का 103वां राष्ट्रीय अधिवेशन, नही पहुंचे राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सहित कई प्रदेशों के प्रतिनिधि, गुटबाजी उभरी

पुष्कर (राघवेन्द्रसिंह)- अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पी. के. अन्ना पाटिल ने कहा गुर्जर समाज में जब तक शिक्षा का प्रसार नहीं बढ़ेगा, कुरीतियां नहीं छोड़ेंगे और राजनीति भागीदारी नहीं बढ़ेगी तब तक समाज की उन्नति सम्भव नही है। समाज विकास में स्वावलम्बन का भाव तथा एकता का होना जरूरी है। वे 9 नवम्बर को पुष्कर में हुए अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के 103वें राष्ट्रीय अधिवेशन में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने ने कहा कि शिक्षा के बिना कोई भी समाज आरक्षण का लाभ प्राप्त नहीं कर सकता, क्योंकि किसी भी समाज की विकास की धुरी शिक्षा व स्वावलम्बन पर ही निर्भर करती है। शिक्षा और राजनीतिक ताकत के बिना कोई भी समाज आगे नहीं बढ सकता, विकास के माइने में शिक्षा और राजनीतिक ताकत अपने आप में अहम है। शिक्षा प्रगति का मूल मंत्र है, जिसके बिना जीवन के किसी भी लक्ष्य को प्राप्त नही किया जा सकता। अन्ना साहब ने किसानों को कृषि के साथ सहकारिता का मार्ग अपनाने की सलाह दी और कहा कृषि से उन्नति नही हो सकती बल्कि इसके साथ सहकारिता भी अतिआवश्यक है।
महासभा के प्रमुख महामंत्री व खादी आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. यशवीरसिंह ने गुर्जर महासभा की गतिविधियों व अन्ना पाटिल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा समाज में एकता व राजनितिक ताकत बनाने पर जोर दिया। यशवीरसिंह ने आरक्षण के मुद्दे पर गहलोत सरकार के टालमटोल रवैये पर विरोध जताते हुए कहा सरकार भोले-भाले गुर्जरों की भावनाओं के साथ खिलवाड कर रही है जिसे कदापि बर्दाश्त नही किया जाएगा। उन्होंने कहा कुशल नेतृत्व के अभाव में गुर्जर आरक्षण आन्दोलन की दिशा बदल गई है। सरकार गुर्जरों के राजनितिक आधार को पूरी तरह दरकिनार कर रही है जो कि सरकार की समाज के साथ धोखाधड़ी है। डॉ. सिंह ने कहा हाईकोर्ट के आदेशानुसार करवाये जा रहे सर्वे रिपोर्ट का इन्तजार है। इसके बाद फ रवरी में जयपुर में आयोजित बैठक में आन्दोलन की आगामी रूपरेखा तैयार की जाएगी। महिला गुर्जर महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्षा व जयपुर की पूर्व महापौर शील धाभाई ने अजमेर जिले में व्याप्त मृतकभोज (मृत्यु के दिन शव के अन्तिम संस्कार से पूर्व दिया जाने भोजन) को जड़ से उखाडऩे व बालिका शिक्षा का विस्तार करने पर बल देते हुए कहा आरक्षण आन्दोलन में हिंसक तरीकों का गुर्जर महासभा विरोध करती है तथा अन्ना की तर्ज पर गांधीवादी तरीके से आन्दोलन किए जाने का समर्थन करती है। राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेशाध्यक्ष मनफू लसिंह तूंगड़ ने प्रदेश गुर्जर महासभा की प्रस्तावना रखते हुए अधिवेशन में पधारे समाज बन्धुओ का स्वागत किया। प्रदेशाध्यक्ष तूंगड ने कहा हमारे समाज में शिक्षा का स्तर बहुत पिछड़ा हुआ जो कि चिन्ता का विषय है, क्योंकि शिक्षा के बिना परिवार व समाज का विकास कदापि नही हो सकता। इसलिए हमें अपने बालक-बालिकाओं को अच्छी शिक्षा दिलाकर समाज विकास में भागीदारी निभानी चाहिए। महासभा के राष्ट्रीय सचिव बी. एस. बैंसला व राजस्थान प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामप्रसाद धाभाई ने शिक्षा में गुणवता सुधार, सामाजिक कुरितीयों को त्यागने व आरक्षण आन्दोलन में अहिंसात्मक तरीके से सफ ल बनाने का आह्वान किया। अधिवेशन को महिला गुर्जर महासभा की कार्यकारी अध्यक्षा डॉ. बबीतासिंह, पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर, पूर्व विधायक गोपीचन्द गुर्जर, महासचिव श्रीनाथ गुर्जर सहित कई गुर्जर नेताओं ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर महावीरसिंह रौसा, पुरूषोतम फ ागना, सियाराम वकील कैमरी, एस.बी.सिंह जोधपुर, बलवीर बैंसला, रूकम डोई, देवनारायण मंदिर समिति दौसा के अध्यक्ष हरदेवसिंह पटेल, रि. सुबेदार मेजर रामेश्वर विधुडी, कौशल बैंसला, शिवचरण सरपंच, विनेश गौरसी, श्रीराम फ ागना, प्रभात गुर्जर, भोमराज गुर्जर, लालाराम सहित हजारों महिला-पुरूष उपस्थित थे।

पदाधिकारियों का नहीं आना रहा चर्चा में
अधिवेशन में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रामसरन भाटी, प्रचार मंत्री व प्रवक्ता सुधीर बैंसला सहित दिल्ली व कई अन्य प्रदेशों के अध्यक्ष व प्रतिनिधियों का नहीं पहुंचना चर्चा का विषय बना रहा है।

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