Tuesday, December 21, 2010

फिर उसी पटरी पर गुर्जर

रसेरी में रेलवे ट्रैक पर कब्जा, पूर्व विधायक रामवीर सिंह विधूड़ी भी बैसला के समर्थन में आए, मुख्यमंत्री ने दौरा रद्द किया, देर रात की हालात की समीक्षा  
          आरक्षण की आग
  1. रसेरी में सुबह 11
  2. बजे जुटे गुर्जर
  3. दोपहर 2 बजे पंचायत शुरू
  4. और शाम होते-होते ट्रैक पर जम गए
गिरिराज अग्रवाल . रसेरी (पीलूपुरा) 
सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जरों ने सोमवार शाम भरतपुर के पीलूपुरा और रसेरी गांव के निकट दिल्ली—मुंबई रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया। पटरियों से फिश प्लेटें निकाल दीं। साथ ही बयाना-हिंडौन सड़क मार्ग भी जाम कर दिया। गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला ने मंगलवार से प्रदेशभर में रेल और सड़क यातायात रोकने की चेतावनी दी है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चार जिलों का दौरा रद्द कर जयपुर लौट आए हैं। रात में ही उन्होंने आला अफसरों की बैठक बुलाई और आंदोलन से पैदा हुए हालात की समीक्षा की। दौसा में पीचूपाड़ा के पास पड़ाव डाले दिल्ली के पूर्व विधायक रामवीर सिंह विधूड़ी भी बैसला को समर्थन देते हुए समर्थकों के साथ पीलूपुरा रवाना हो गए।

विधूड़ी ने कहा कि मुझ पर समाज को बांटने के आरोप लग रहे थे, इसलिए बैसला को समर्थन दिया है। जब आंदोलनकारियों ने टे्रक पर कब्जा जमाया तो पुलिस और प्रशासन के अधिकारी दूर तक नजर नहीं आए। दोपहर करीब दो बजे संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर ने मदनपुरा गांव में कर्नल बैंसला से वार्ता की कोशिश की। बैंसला हर कीमत पर ट्रैक जाम करने और शाम को पीलूपुरा में मिलने की बात कहकर रसेली रवाना हो गए। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी मोबाइल पर ही बैंसला से संपर्क में रहे।   देर रात तक कर्नल बैसला, कैप्टेन हरप्रसाद तंवर, हिम्मतसिंह, कैप्टेन जगराम, डॉ. रूपसिंह, एडवोकेट अतरसिंह सैकड़ों गुर्जरों के साथ ट्रैक पर बैठे थे।
क्या कहती है सरकार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुर्जर नेताओं से अपील है कि वे कानून हाथ में नहीं लें और न्यायिक व्यवस्था में विश्वास रखें। समझौते के मुताबिक सरकार १त्न आरक्षण दे रही है और शेष 4त्न आरक्षण का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। उधर सरकार के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि एक लाख नौकरियों का मसला 15 से 20 लाख युवाओं से जुड़ा है। इसलिए भर्तियों को रोकना सही नहीं होगा। गुर्जरों को विशेष पिछड़ा वर्ग में १त्न आरक्षण दिया जा चुका है। हाईकोर्ट का फैसला पक्ष में आने पर बाकी 4त्न आरक्षण का लाभ भी मिलेगा। गुर्जरों को ओबीसी के 21 प्रतिशत आरक्षण का भी लाभ मिलता रहेगा।
क्या कहते हैं गुर्जर
बैसला ने कहा कि वार्ताओं और समझौतों से विश्वास उठ गया है, क्योंकि सरकार इनके नाम पर भोलेभाले गुर्जरों को छलती है। सरकार ने एक भी समझौता ईमानदारी से लागू नहीं किया।  जब नौकरियां ही हमारे हाथ से निकल जाएंगी तब आरक्षण का हम क्या करेंगे।
...और क्या रहेगी सुरक्षा
आरएसी की भरतपुर में छह, दौसा और करौली में तीन-तीन कंपनियां तैनात की गई हैं। दूसरे जिलों से दो दर्जन से अधिक अधिकारियों को इन जिलों में भेजा गया है। आईजी (कानून व व्यवस्था) आरपी सिंह ने बताया कि जरूरत पडऩे पर केन्द्र से भी सुरक्षा बल मंगाए जा सकते हैं। th>

 सरकार को हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार 
गुर्जर आंदोलन : डीओपी का सभी विभागों को निर्देश- गुर्जरों के लिए नौकरियों में रखें 1 प्रतिशत आरक्षण सुरक्षित
जयपुर . राज्य सरकार ने गुर्जर समाज से आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन के सिलसिले में जमीनी हकीकत को देखते हुए विचार करने का आग्रह किया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि एक लाख नौकरियों का मसला प्रदेश के 15 से 20 लाख युवाओं से जुड़ा है। इसलिए इन भर्तियों को रोकना सही नहीं होगा। गुर्जरों को एक प्रतिशत आरक्षण दिया जा चुका है। हाईकोर्ट का फैसला पक्ष में आने पर उनको बाकी बचे चार प्रतिशत आरक्षण का लाभ भी मिलेगा। गुर्जरों को ओबीसी के 21 प्रतिशत आरक्षण का भी लाभ मिलता रहेगा।
सरकार ने गुर्जरों को एसबीसी में  शेष बचे चार प्रतिशत आरक्षण के मामले में हाईकोर्ट का फैसला आने तक एक लाख नौकरियों में से 1000 नौकरियां अभी देने और 4000 पद बैकलॉग में रखने का फैसला लिया है। इसके अलावा गुर्जर ओबीसी के 21 प्रतिशत आरक्षण का लाभ भी पहले की तरह लेते रहेंगे। गुर्जर नेताओं के साथ इस साल 6 मई को हुए समझौते के बाद सभी विभागों में उसके अनुसार ही पद खाली रखने के आदेश पहले ही जारी कर दिए थे। कार्मिक विभाग ने सोमवार को फिर से आदेश निकालकर सभी विभागों को भर्तियों में 1 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने और नोशनल रिक्तियों की सूचना विभाग को भिजवाने के निर्देश दिए हैं।
सरकार वार्ता के लिए तैयार
सरकार ने आंदोलनकारी गुर्जर नेताओं से बातचीत के लिए भरतपुर के संभागीय आयुक्त राजेश्वर सिंह और आईजी मधुसूदन सिंह को जिम्मेदारी दी है। सरकार ने आंदोलनकारियों से कहा है कि वे जब चाहे तब इन दोनों सरकारी वार्ताकारों से वार्ता कर सकते हैं। ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी गुर्जर नेताओं से संपर्क बनाए हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वकील करेंगे पैरवी
गुर्जरों और अन्य चार जातियों के विशेष आरक्षण पर हाईकोर्ट में बुधवार को अंतिम सुनवाई होगी। सरकार ने मामले की पैरवी के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील पी.पी. राव की सेवाएं ली हैं। वे मंगलवार को जयपुर पहुंचेंगे। सरकार का तर्क है कि हाईकोर्ट में पहले भी जल्द सुनवाई की अपील की थी जिसकी अर्जी 3 मई को लगी थी। इस मामले में 22 दिसंबर को सुनवाई होगी। गुर्जर मसले पर केबिनेट में भी फैसला हो चुका है। ईसरानी कमेटी ने भी तय सीमा में सरकार को रिपोर्ट दे दी थी।
कर्नल बैसला और सरकार के बीच हुआ समझौता
हाईकोर्ट के 4 नवंबर, 09 के आदेशों के अनुसार आरक्षण को 50 त्न की सीमा में रखने का आदेश दिया है। सरकार मानती है कि विशेष पिछड़ा वर्ग की जातियों का सरकारी सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है इसलिए इनको इस सीमा में उपलब्ध १त्न  आरक्षण दिया जाएगा। यह आरक्षण ओबीसी में उपलब्ध आरक्षण के अलावा दिया जाएगा। इसका लाभ ओबीसी की मैरिट में नहीं आने वाले उम्मीदवारों को मिलेगा।
हाईकोर्ट का फैसला आने तक एसबीसी के लिए शेष रहे ४ प्रतिशत पद नोशनल रूप से सुरक्षित रहेंगे। सरकार हाईकोर्ट में लंबित प्रकरण में सशक्त पैरवी कर जल्द निर्णय कराने का प्रयास कर रही है ताकि गुर्जरों को एसबीसी के तहत 5त्न आरक्षण का लाभ मिले।

 दैनिक भास्कर से साभार

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