मूंडिया का ओमप्रकाश गुर्जर सिक्किम में चीन सीमा पर शहीद
शहीद ओमप्रकाश गुर्जर के शव को कंधा देती पत्नी प्रेमदेवी।
शहीद ओमप्रकाश गुर्जर को अंतिम विदाई देते समय गार्ड ऑफ ऑनर देते पुलिस और सेना के जवान।
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बहादुरसिंह गुर्जर
कंजोली (करौली). भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए
गांव मूंडिया निवासी हवलदार ओमप्रकाश गुर्जर (35) के शव को उनकी पत्नी ने
कंधा देकर समाज के लिए नया संदेश दिया। ओमप्रकाश 9 अगस्त को सिक्किम में
चीन सीमा पर चौकसी करते समय शहीद हो गए थे। उनके शव को पुत्र सौरभ ने
मुखाग्नि दी। इस मौके पर सेना और पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
सूबेदार सोनाराम ने बताया कि ओमप्रकाश सिक्किम में चीन सीमा पर एलआरपी कर
रहे थे, तभी ऑक्सीजन की कमी से उनकी मौत हो गई। कर्नल राजेश रमन ने उन्हें
शहीद घोषित किया।
सूबेदार सोनाराम ने बताया कि शहीद ओमप्रकाश
गुर्जर अपने 15 वर्ष के सेवाकाल में अधिकतर समय में सीमाओं पर ही तैनात
रहे। पिछले डेढ़ साल से सिक्किम और उससे दो साल पहले 18 हजार फीट ऊंचाई
वाले ग्लेशियर पर निगरानी करते थे। जब उनका शव अंत्येष्टिï के लिए ले
जाया जा रहा था तो शव को कंधा देने के लिए पत्नी प्रेमदेवी आगे आईं और
अंत्येष्टिïस्थल तक शव को कंधा दिया।
शहीद का परिवार मातृभूमि को समर्पित
1995
में फत्तेगढ़ सेंटर में भर्ती हुआ ओमप्रकाश का बड़ा भाई सूबेदार रतिराम
गुर्जर भी है, जो सेना पुलिस में जम्मू-कश्मीर सीमा पर तैनात है। वो भी
27 साल से देश सेवा कर रहा है। शहीद के पिता श्रीफल गुर्जर ने भी देश सेवा
की थी। ओमप्रकाश के घर परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे जिला सैनिक बोर्ड
अधिकारी कर्नल लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि परिवार को सेना के शहीद के
अनुसार सभी पैकेज दिए जाएंगे।
दैनिक भास्कर से साभार
श्रृद्धांजलि!!
ReplyDeleteशहीद को नमन
ReplyDeleteशहीद को नमन श्रृद्धांजलि!!
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