Friday, April 23, 2010

एक साथ करेंगे, जो भी करेंगे : बैसला

 आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेश में जगह-जगह पड़ाव डालकर बैठे गुर्जरों से कहा -अभी वे कुछ नहीं करें
(दौसा जिला). सिंकदरा में पड़ाव स्थल से कुछ ही दूरी पर गुरुवार को बैठक हुई। इसमें कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला ने आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेश में जगह-जगह पड़ाव डालकर बैठे गुर्जरों से कहा है कि अभी वे कुछ नहीं करें। जो भी करेंगे एक ही दिन और एक ही समय सब साथ करेंगे।
महरावर में महापड़ाव
(भरतपुर जिला). गुर्जरों ने अब भरतपुर जिले के महरावर गांव में महापड़ाव शुरू कर दिया है। यह गांव पीलूपुरा से मात्र दो या तीन किलोमीटर की दूरी पर है, जहां पिछली बार हिंसक आंदोलन हुआ था। इस बीच गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला ने गुर्जरों को पड़ाव स्थल पर ताकत बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
बैसला के इशारे का इंतजार
(टोंक जिला). निवाई के वीर गुर्जर छात्रावास में संयुक्त गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के तत्वावधान में पड़ाव डाले हुए गुर्जरों को बैसला के इशारे का इंतजार है। गुरुवार को गुर्जर नेता राजेंद्र गुर्जर ने बताया कि इशारा मिलते ही आगे कूच कर देंगे।
मालपुरा के गुर्जर भी पहुंचे पड़ाव में : मालपुरा के गुर्जर गुरुवार को निवाई में चल रहे पड़ाव में शामिल होने पहुंचे। वे पहले मालुपरा में पड़ाव डाले हुए थे।
आरक्षण लागू करने का प्रयास करेगी सरकार : गहलोत
जयपुर. गुर्जर आंदोलन और विशेष पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अब यह कानून बन चुका है। सरकार का प्रयास यह रहेगा कि कैसे इस कानून को लागू किया जाए, ताकि सभी वर्गों को इसका लाभ मिल सके। कोर्ट की वजह से इसे लागू करने में फिलहाल कुछ परेशानी है। सरकार इस मामले में प्रभावी पैरवी करके इसे लागू करने का प्रयास करेगी। हमने वकील किए हैं, वे लगे हुए हैं।
इसरानी कमेटी ने सुना सरकारी प्रतिनिधिमंडल का पक्ष
जयपुर. गुर्जर आरक्षण मसले पर हाई कोर्ट के आदेश पर गठित इसरानी कमेटी ने गुरुवार को कार्मिक और विधि विभाग के अधिकारियों को सुनवाई के लिए बुलाया।
कमेटी ने विधि विभाग के अधिकारियों से पूछा कि वे 5 प्रतिशत विशेष पिछड़ा वर्ग और 14 प्रतिशत गरीब सवर्णों को पहले दिए गए आरक्षण की वैधानिकता स्पष्ट करें। 5 और 14 प्रतिशत आरक्षण विधेयक को उस समय बनाने के वैधानिक पहलुओं और अब आगे इस आरक्षण पर अमल करने पर विधि विभाग से राय मांगी गई है। कमेटी के सदस्यों ने पूछा कि जिस तरह आरक्षण विधेयक पर हाई कोर्ट ने स्टे दिया है, ऐसे में आगे इसका क्या वैधानिक हल निकल सकता है। 50 प्रतिशत से ऊपर किस वैधानिक आधार पर आरक्षण दिया और अब आगे हल क्या निकले, इस पर विभाग विधिक राय स्पष्ट करे। कार्मिक विभाग के अधिकारियों से कमेटी ने आरक्षण के आधार पर भर्तियों के मामले में भी आगे का रास्ता सुझाने को कहा। कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस इंद्रसेन इसरानी ने बताया कि दोनों विभागों के अधिकारियों से कानूनी अड़चनों के साथ गुर्जर आरक्षण मसले पर उनके अब तक के अनुभवों का ब्यौरा लिया गया। कमेटी ने शुक्रवार को सामाजिक न्याय व अधिकारिता और गृह विभाग के अधिकारियों को बुलाया है।  शनिवार को गुर्जर समाज के प्रतिनिधि अपना पक्ष रखेंगे।

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