राजस्थान सरकार ने हाई कोर्ट में पेश किया जवाब
गुर्जरों को विशेष पिछड़ा वर्ग और सवर्ण गरीबों को आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर दिए गए आरक्षण को राज्य सरकार ने सही ठहराया है। बुधवार को हाई कोर्ट में पेश जवाब में सरकार ने दलील दी कि उसकी नजर में यह फैसला अंसवैधानिक नहीं है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के एक केस में अपवाद का जिक्र किया है। अतिरिक्त महाधिवक्ता एनए नकवी ने कहा कि सरकार ने गुर्जरों को चौपड़ा कमेटी की सिफारिशों पर आरक्षण दिया है। राज्य की भौगोलिक और इन जातियों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए यदि राज्य में आरक्षण पचास फीसदी से अधिक हो गया है तो इसे असंवैधानिक नहीं कहा जा सकता क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इन्द्रा साहनी मामले में दिए गए फैसले में पचास फीसदी तक को नियम माना है, लेकिन साथ ही इसके अपवाद भी माने हैं। ऐसी स्थिति में सरकार की ओर से गुर्जरों व आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देना अपवाद ही है।
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