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Monday, August 27, 2012

कांग्रेस टिकट के सौदागर हैं भड़ाना

बैसला पर आरोप लगाने पर कैप्टन जगराम सिंह ने दिया जवाब


हिंडौन सिटी.  गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष कै. जगराम सिंह ने पूर्व विधायक अतर सिंह भड़ाना को कांग्रेस टिकट का सौदागर बताया है। उन्होंने कहा कि भड़ाना आरक्षण के लिए लड़ाई का बहाना बनाकर सरकार से अपना कांग्रेस टिकट पक्का करने की जुगत में है।

पूर्व विधायक अतर सिंह भड़ाना ने गुरुवार को यहां गुर्जर आरक्षण आंदोलन के मुखिया कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला पर राजनीतिक लाभ लेने के आरोप लगाए थे। इन आरोपों के जबाव में आरक्षण संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष कैप्टन जगराम सिंह ने शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से कहा कि कर्नल बैसला पर आरोप लगाने वाले अतर सिंह भड़ाना का कोई स्तर नहीं है। भड़ाना पहले भाजपा में थे। बाद में कांग्रेसी बन गए। कुछ दिन तक प्रहलाद गुंजल के साथ रहे। बाद में उन्हें छोड़कर कहीं और चले गए। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की कारगुजारियों से गुर्जर समाज वाकिफ हो चुका है। उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही कुछ लोग कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला पर आरोप लगाकर सरकार को अपना महत्व बताने का कृत्य करते हैं।

उपाध्यक्ष जगराम सिंह ने कहा कि तिमनगढ़ के पास सागर में गुर्जर नेता जोनपुरिया ने समाज को जो संदेश दिया था, उस संदेश कर्नल बैसला के नेतृत्व में लड़ाई लडऩे और वोटों का फैसला करने पर गुर्जर समाज अटल है। गुर्जर समाज को जब तक 5 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिलेगा, तब तक कर्नल बैसला संघर्ष जारी रखेंगे।

(source : dainik bhaskar)

इस बार होगी आर-पार की लड़ाई

गुर्जर नेता पूर्व विधायक अतर सिंह भडाना ने दी सरकार को चेतावनी

http://bagdawat.com/


 हिंडौन सिटी. गुर्जर नेता और पूर्व विधायक अतर सिंह भडाना ने आरक्षण के लिए समाज के 74 योद्धाओं द्वारा दिया गया बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देने की बात कहते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि इस बार गुर्जर आरक्षण के लिए आर-पार की लड़ाई लडेंग़े। इसके लिए 3 सितंबर को नादौती के कैमरी में देश भर के प्रमुख गुर्जर पटेलों और नेताओं की सभा रखी गई है। इसके बाद 5 सितंबर को सिकंदरा के कैलई में महापंचायत आयोजित कर आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा।

पूर्व विधायक भडाना गुरूवार को शहर के प्रहलाद कुंड के पास स्थित देवनारायण मंदिर में गुर्जर समाज की बैठक लेकर मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। भडाना ने बताया कि 3 सितंबर को कैमरी में बैठक रखने के बाद 5 सितंबर को पुन: सिकंदरा के कैलई में प्रदेश भर के गुर्जर समाज के लोगों की महापंचायत आयोजित होगी। इस महापंचायत में कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला, केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट को भी बुलाया गया है। भडाना ने बताया कि इस पंचायत में आंदोलन का निर्णय लेकर आरक्षण के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। भडाना ने बताया कि सरकार ने 5 सितंबर तक आरक्षण की मांग पूरी नहीं की तो गुर्जरों का गुस्सा कभी भी फूट सकता है। भडाना ने बताया कि इस बार का आंदोलन एक व्यक्ति और एक स्थान के बजाय पूरे प्रदेश में सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा। इसके लिए सिकंदरा के कैलई में हुई बैठक में 21 लोगों की कमेटी का गठन किया जा चुका है। इस कमेटी में आवश्यकता के अनुसार और भी लोग जोड़े जाएंगे। भडाना ने बताया कि इस बार की लड़ाई में वार्ता की मेज पर किसी भी प्रकार की हार नहीं होगी जिससे आंदोलन में शामिल रहने वाले गुर्जर समाज के लोगों को अन्य आंदोलनों की भांति निराशा का सामना करना पड़े। भडाना ने यह भी कहा कि पूर्व आरक्षण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं और इस संबंध में 5 सितंबर से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी से भी दिल्ली पहुंचकर मुलाकात की जाएगी। मीडियाकर्मियों से बात करने से पहले भडाना ने देवनारायण मंदिर में गुर्जर समाज के लोगों की बैठक को संबोधित किया। इस बैठक में अध्यक्षता कर रहे पूर्व सरपंच प्रीतम सिंह बैसला सहित पूर्व पार्षद तारा सिंह गुर्जर, देवनारायण मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मदन सिंह टीटी, पार्षद कप्तान सिंह गुर्जर, विजेंद्र सिंह कंचन, हरस्वरूप सिंह गुर्जर, पूरन सिंह बडीबाखर, सिर मोहर सिंह सूबेदार, मोहन सिंह बैसला, बनै सिंह गुर्जर आदि लोगों ने भी विचार व्यक्त किए।

सरकार से मिले हुए है बैसला

गुर्जर नेता अतर सिंह भडाना राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आरक्षण के मुद्दे पर सीधे तौर पर दोषी नहीं बता पाए, बल्कि उन्होंने कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के खिलाफ जमकर आग उगली। भडाना ने कहा कि अभी तक 14 आंदोलनों के बाद भी गुर्जरों को आरक्षण नहीं मिलने के पीछे कर्नल बैसला हैं। भडाना ने सवाल किया बैसला ने कुशारीपुर दर्रा के आंदोलन को यह कहकर समाप्त किया था कि गुर्जरों को राजेश पायलट की प्रतिमा के अनावरण में जाना है जबकि उस प्रतिमा अनावरण में स्वयं उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद नांगल दुर्गसी में हुई सभा में बैसला मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित हो गए। बैसला पर भडाना ने राजनीतिक लाभ के भी आरोप लगाए।

Tuesday, August 21, 2012

‘नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई, खमियाजा भुगत रहा है गुर्जर समाज’

अलवर. आरक्षण की मांग को लेकर संघर्ष में कभी भी कमी नहीं रही पर हम वार्ता की टेबल पर हारे। नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई रही। इसका खमियाजा समाज को भुगतना पड़ा है। यह बात पूर्व विधायक अतरसिंह भडाना ने सोमवार को यहां सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि एसबीसी में चार प्रतिशत और आरक्षण की मांग को लेकर ३ सितंबर को करौली के जगदीश धाम में गुर्जर समाज के पंच पटेलों की बैठक होगी।

इसमें गाडिया लोहार, रैबारी और बंजारा समाज के नेता भी शामिल होंगे। इसमें आगे की रणनीति का फैसला लिया जाएगा। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट और कर्नल किरोड़ी बैसला को भी आमंत्रित किया गया है। अब आंदोलन का निर्णय सामूहिक रूप से लिया जाएगा। इसके लिए २१ सदस्यीय संयुक्त संचालन समिति गठित की गई है। इसी क्रम में ५ सितंबर को सिकंदरा के केलाई देवनारायण मंदिर में प्रदेशभर के गुर्जरों की महापंचायत होगी।

पत्रकार वार्ता में राजस्थान पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष मूलचंद गुर्जर, समाज के नेता वीरेंद्र सिंह, राजेंद्र कसाना आदि भी उपस्थित थे।

Wednesday, August 08, 2012

गुर्जरों का एक प्रतिशत आरक्षण रखने के आदेश जारी

सरकार ने जारी किया औपचारिक आदेश

जयपुर .  विशेष पिछड़ा वर्ग को सरकारी नौकरियों में दिए जा रहे एक प्रतिशत आरक्षण को जारी रखने के औपचारिक के आदेश जारी कर दिए हैं। इस आदेश का प्रभाव हाईकोर्ट की ओर से निस्तारित की गई याचिका की तारीख 22 दिसंबर, 2010 से ही माना जाएगा।
 गुर्जरों के साथ हुए समझौते के मुताबिक राज्य सरकार ने 50 प्रतिशत की सीमा के भीतर विशेष पिछड़ा वर्ग में 1 प्रतिशत आरक्षण दिया था। परंतु यह आरक्षण हाईकोर्ट में विचाराधीन याचिका पर फैसला होने तक के लिए दिया गया था। याचिका का निस्तारण होने के बाद इस 1 प्रतिशत आरक्षण पर नए सिरे से निर्णय किया जाना था। हाईकोर्ट से याचिका का फैसला होने के बाद विशेष पिछड़ा वर्ग को दिए जा रहे आरक्षण पर कानूनी रूप से सवाल उठने की आशंका जताई जा रही थी। इसलिए सरकार को औपचारिक आदेश जारी करने पड़े।
(source : dainikbhaskar.com)

Wednesday, July 11, 2012

देवनारायण योजना के कामों की जिला स्तर पर होगी समीक्षा

दौसा, करौली और सवाई माधोपुर में हो चुकी है, धौलपुर में 12, भरतपुर में 13 और अलवर में 14 जुलाई को होगी

जयपुर. देवनारायण योजना के कार्यों की समीक्षा अब जिला स्तर पर कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला और उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में होगी। अब तक तीन जिलों दौसा, करौली और सवाई माधोपुर में इन कामों की समीक्षा हो चुकी है। धौलपुर में 12, भरतपुर में 13 और अलवर में 14 जुलाई को समीक्षा होगी।

इधर, मंगलवार को कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला और प्रवक्ता हिम्मतसिंह ने अतिरिक्त मुख्य सचिव अदिति मेहता से मुलाकात की। उन्होंने छात्रवृत्तियों के वितरण और छात्रावासों के कामों की धीमी प्रगति पर असंतोष जाहिर किया। मेहता ने विभागीय अधिकारियों को इस योजना के कामों में तेजी लाने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में देवनारायण बोर्ड के सचिव डी.पी. गुप्ता और संयुक्त निदेशक डालचंद वर्मा भी मौजूद रहेंगे।


Thursday, July 05, 2012

महापंचायत में नहीं आएंगे बैसला

दौसा.  गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश प्रवक्ता हिम्मतसिंह पाड़ली ने कहा कि कैलाई में आयोजित होने वाली महापंचायत समाज को गुमराह करने के लिए है। बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि महापंचायत कराने वाले लोग राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हुए हैं तथा भाजपा सरकार में मंत्री व विधायक रह चुके हैं। उस समय सरकार गुर्जरों पर गोलियां बरसा रही थी तथा वे सत्ता सुख भोग रहे थे। उन्होंने कहा कि कर्नल बैसला के आंदोलन के बाद राजस्थान में एसबीसी कैटेगरी बन गई है। गुर्जरों को आरक्षण मिल चुका है। इसमें प्रतिशत बढ़वाने की बात है। महापंचायत में कर्नल बैसला के आने की बात कह रहे हैं, जबकि बैसला देवनारायण योजना की क्रियान्विति की समीक्षा बैठकों में व्यस्त हैं। बैसला कैलाई में होने वाली महापंचायत में भाग नहीं लेंगे।

source: dainik bhaskar

Wednesday, July 04, 2012

अब सामूहिक नेतृत्व में होगा आरक्षण आंदोलन

दौसा . पूर्व विधायक अतर सिंह भडाना ने कहा है कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष के बजाय अब सामूहिक नेतृत्व में ही चलाया जाएगा। इस संबंध में 5 जुलाई को सिकंदरा के पास कैलाई भोजपुरा में गुर्जर महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आरक्षण के लिए गुर्जर समाज ने आंदोलन किए और किरोड़ी सिंह बैसला ने समझौते, लेकिन परिणाम कुछ भी नहीं निकला। भडाना ने कहा कि समझौतों के बजाय सौदे किए जा रहे हैं। वह मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। भडाना ने कहा कि अतीत की समीक्षा व भविष्य की रणनीति तय करने के लिए गुरुवार को महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। आरक्षण आंदोलन में योगदान देने वाले सभी लोग व समाज के पंच पटेल इस महापंचायत में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि अब तक आंदोलन, समझौते व फैसले करने में कोई कसर नहीं रही। लेकिन मौत और बदनामी के सिवा समाज को कुछ नहीं मिला। राजस्थान गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष कंवरपाल अंदाना ने कहा कि कर्नल बैसला भी महापंचायत में भाग लेंगे। इस संबंध में कर्नल से फोन पर बात हुई है।
source: dainik bhaskar

समाज की एकता के लिए बुलाई महापंचायत : कसाना

सिकंदरा . भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष व गुर्जर महासभा के महामंत्री अमरसिंह कसाना ने कहा कि 5 जुलाई को कैलाई के देवनारायण मंदिर पर बुलाई गई महापंचायत समाज की एकता के लिए बुलाई गई है।

कसाना ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश के दौरे के समय समाज के लोगों द्वारा नेताओं को एक मंच पर बैठाकर आरक्षण आंदोलन की रणनीति बनाने की बात कही थी। इसे लेकर सभी राजनैतिक दलों के समाज के नेताओं को एक मंच पर लाने के लिए यह महापंचायत बुलाई गई तथा समाज के सभी नेताओं को इसमें आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि महापंचायत में समाज की एकता सहित आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।

Tuesday, July 03, 2012

सिकंदरा महापंचायत के विरोध में गुर्जर महासभा

आंदोलन को भटकाने की कोशिश बताया

जयपुर. सिकंदरा के पास ५ जुलाई को प्रस्तावित गुर्जर महापंचायत को अखिल भारतीय गुर्जर महासभा ने समाज के आरक्षण आंदोलन को भटकाने की मशक्कत करार दिया।

अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय महासचिव बच्चू सिंह बैसला और कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष रामप्रसाद धाभाई ने सोमवार को यहां मीडिया को बताया कि महापंचायत का गुर्जर महासभा से कोई लेना-देना नहीं। जो लोग यह महापंचायत कर रहे हैं, उन्हें गुर्जर समाज से कोई सरोकार नहीं। इन लोगों का राजस्थान के गुर्जर समाज से कोई लेना-देना नहीं और न इनका यहां आधार है। ये लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने और मात्र एमएलए बनने का ख्वाब पूरा करने के लिए महापंचायत जैसे आयोजन कर रहे हैं। महासभा समाज के लोगों से अपील करती है कि वे किसी प्रकार की विध्वंसकारी गतिविधि में शामिल नहीं हों।

उन्होंने कहा कि गुर्जर महासभा की मूल मांग आज भी गुर्जरों को एसटी में आरक्षण देने की है। कुछ निहित स्वार्थी तत्वों ने समाज के आरक्षण आंदोलन को भटका दिया और समाज के ७२ बेटों का बलिदान करा दिया। आंदोलन को आंकड़ों में उलझा दिया। राज्य सरकार आरक्षण के नाम पर समय-समय पर जो भी दे रही है, गुर्जर महासभा उसे अंतरिम राहत के तौर पर स्वीकार करेगी। महासभा अहिंसात्मक तरीके से गुर्जर आरक्षण का आंदोलन जारी रखेगी।

गुर्जर आरक्षण : सिकंदरा के पास 5 को बुलाई महापंचायत

गुर्जर नेता अतरसिंह भडाना और नाथूसिंह गुर्जर करेंगे महापंचायत की अगुवाई, गुर्जर आंदोलनों में नेतृत्व की भूमिका पर उठाए सवाल

जयपुर. गुर्जर आरक्षण के मुद्दे पर कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला के नेतृत्व को चुनौती देते हुए एक धड़े ने 5 जुलाई को सिकंदरा के पास कैलाई भोजपुरा में महापंचायत बुलाई है। गुर्जर नेता अतर सिंह भडाना ने शनिवार को मीडिया से कहा कि महापंचायत में समाज के सभी लोग बुलाए हैं। गुर्जर समाज की आरक्षण की लड़ाई में नेतृत्व के स्तर पर कमियां रहीं, जिसकी वजह से समाज के 72 बेटों के बलिदान के बावजूद उसका हक नहीं मिल पाया। आरक्षण की मांग पर इतने आंदोलन हुए लेकिन नेतृत्व स्तर पर कुछ कमियां रहीं, जिनकी वजह से समाज आज भी वहीं है, जिस मांग को लेकर वह चला था।
उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज ने आरक्षण आंदोलन को लेकर पांच साल में क्या खोया-क्या पाया, इस पर महापंचायत में विचार होगा और रणनीति तय होगी। इसमें लिया गया फैसला सामूहिक नेतृत्व का होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गुर्जरों और अन्य चार जातियों को 1 प्रतिशत आरक्षण एसबीसी में दिया है। सरकार से मांग है कि वह ओबीसी में से इन जातियों की जनसंख्या के आधार पर वर्गीकरण कर जितना प्रतिशत आरक्षण जनसंख्या के आधार पर आता है वह दिया जाए।

चुनाव तक आरक्षण को टालना चाहती है सरकार : नाथू सिंह

पूर्व मंत्री नाथूसिंह गुर्जर ने कहा कि गुर्जरों को एसबीसी में पांच प्रतिशत आरक्षण देने में सरकार की मंशा साफ नहीं है। हाई कोर्ट ने सरकार को चार माह में सर्वे करवाकर क्वांटिफाइड डाटा भेजने के आदेश दिए थे। सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट की अवमानना का मामला बनता है। हम हाईकोर्ट जाएंगे। हाईकोर्ट ने सरकार को चार माह का समय दिया था, सरकार ने ओबीसी आयोग ही अभी बनाया है। इसका मतलब है कि सरकार की मंशा साफ नहीं है और वह गुर्जर आरक्षण के मामले को चुनाव तक लटकाना चाहती है। यह तय है कि सरकार आरक्षण नहीं देगी, अगले चुनाव तक ।

आरक्षण को लेकर भाजपा ने गुर्जरों से कोई वादा नहीं किया था

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा भाजपा ने गुर्जरों को आरक्षण देने का कोई वादा नहीं किया था। परिवर्तन यात्रा के दौरान पिछली बार लोगों ने मांग उठाई थी तब हमने कहा था कि सरकार बनने पर देखा जाएगा कि इस मामले में क्या किया जा सकता है। गुर्जरों को  एसटी में आरक्षण देने की हमारी की मांग जारी है, यह केंद्र का विषय है।


गहलोत तब तक सोचते हैं जब तक बात बासी न हो जाए

खुलकर बोले किरोड़ी सिंह बैसला 

गहलोत कुशल प्रशासक, चापलूसों से घिरी रहती हैं वसुंधरा

सबकी एक नीति है-डिले, डिफ्यूज और डिनायल

त्रिभुवन . जयपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत काम तो करते हैं, लेकिन इतना विलंब से कि सब बदमजा (बासी) हो जाता है। हालांकि वे कुशल प्रशासक हैं। वसुंधरा राजे बेईमान सलाहकारों और चापलूसों से नहीं घिरी होतीं तो वे रेयरेस्ट रेयर मुख्यमंत्री होतीं। ये कहना है गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैसला का। बैसला ने कहा कि वे सिर्फ पांच प्रतिशत आरक्षण चाहते हैं, चाहे कैसे भी दो। पेश हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश-
आपने गहलोत और वसुंधरा राजे दोनों की सरकारों के समय आंदोलन किया। बुनियादी फर्क क्या नजर आया?
क्च दोनों सरकारों की एक टिपिकल मोडस आपरेंडी रही है। डिले, डिफ्यूज और डिनायल। देर करो, लटकाओ और हाथ खड़े कर दो। अगर अशोक गहलोत ने वही किया जो हमारे साथ वसुंधरा ने किया तो इस आदमी को भी वहीं जाना होगा, जहां वसुंधरा गईं।
वसुंधरा राजे ने आपकी मांग मानी होती तो क्या होता?
क्च वसुंधरा राजे ने मेरा कहा माना होता तो वे आज कहीं और होतीं, वहां नहीं होतीं जहां आज हैं। उन्होंने हमें अंडर एस्टीमेट किया। जब चुनाव आए तो हमने उन्हें वही सब उसी तरह वैसे का वैसे लौटाया, जो उन्होंने गुर्जर समाज को आंदोलन के दौरान दिया था। उन्होंने हमारे साथ लुका-छिपी का खेल खेला। हमने भी वही किया। नतीजा सबके सामने है।
अगर वसुंधरा इतनी खराब हैं तो आपने भाजपा के टिकट पर चुनाव क्यों लड़ा?
क्च ये मेरा पर्सनेलिटी कल्ट है। मैं जेंटलमैन की तरह बिहेव करता हूं। अगर चुनाव लड़ा तो मकसद यही था कि संसद में आवाज उठाऊं। मेरा वो निर्णय गलत नहीं था। 
आपने कभी वसुंधरा से कहा नहीं कि वे गलत सलाहकारों से घिरी हैं?
क्च 2008 की बात है। मैं पीलूपुरा से लौटकर वसुंधरा राजे से मिला। वे अपने ऑफिस में थीं। भिड़ते ही बोलीं : कर्नल, हम दोनों में गैप कहां रह गया? मैंने जवाब दिया : यू आर ब्लू-ब्लड पीपल। आप शाही लोग हैं। आप हर वक्त चापलूसों से घिरी रहती हैं। आपने तो मेरा फोन तक अटेंड नहीं किया। आपके सलाहकारों ने मेरी पूरी गलत तस्वीर आपको दिखाई और इस ग्रॉस मिस अंडरस्टैंडिंग ने सही फैसला नहीं होने दिया।
अब फिर आपकी मांग नहीं मानी जा रही। आप क्या कहते हैं?
क्च ये आदमी (अशोक गहलोत) सोचता बहुत अच्छा है, लेकिन सोचता ही सोचता रहता है। किसी चीज को करने में इतना टाइम लगाता है कि जब तक चीज बासी नहीं हो जाती। मैं जूलियर सीजर पढ़ रहा था। उसमें सीजर अपने बेटे से कहता है कि कुछ काम करो तो जोरदार आवाज में कहो ताकि अड़ोसी-पड़ोसी सुन लें।
क्या ओबीसी कमीशन को ऐसी जातियों को बाहर नहीं निकालना चाहिए, जो संपन्न हो गई? 
ये ओबीसी कमीशन का काम है। उसे इस काम को ईमानदारी से करना चाहिए। मैं ये नहीं कहता कि इस या उस जाति को निकाल दो। कुछ को तो आरक्षण की खाते-खाते अपच हो गई और कुछ ने अभी तक पत्तल ही नहीं देखी। समाज आज जातियुद्ध की तरफ बढ़ रहा है।
माना तो ये जा रहा है कि आप तो गहलोत के प्रशंसक हैं?
क्च एक मायने में गहलोत कुशल प्रशासक हैं। वे वेल्फेयर ओरिएंटिड हैं। उन्होंने एक प्रतिशत आरक्षण निर्विवाद रूप से दे ही दिया।
क्या आप ओबीसी के 21 प्रतिशत में ही पांच प्रतिशत चाहते हैं? 
मैं इस पचड़े में नहीं पड़ता। हमने आरक्षण की मांग इसलिए की थी कि आरपीएससी-यूपीएससी के रिजल्ट देख लो। कुछ लोग सारे कोटे को खा रहे हैं और कुछ ताक रहे हैं। ऐसा है जैसे मानवीयता का अकाल पड़ गया है। क्या ऐसा आरक्षण संवैधानिक डकैती नहीं है? इसलिए हमें तो पांच प्रतिशत आरक्षण अलग से दे दो। चाहे कैसे भी।
ओबीसी आयोग के अध्यक्ष इसरानी ने कहा है कि वे रिपोर्ट चेक करेंगे। जरूरत पड़ी तो दुबारा जांच करेंगे कि हालात क्या हैं? 
मैं तो जस्टिस इसरानी से कहता हूं, हमारे सब नेताओं को चैलेंज करता हूं, ये एक रात गाडिया लुहारों के घरों में एक गुजार लें और सही-सलामत उठ जाएं तो मैं जीवन में कभी आरक्षण की मांग नहीं करूंगा! गुर्जरों, बंजारों, राइकों और लुहारों के हालात एक जैसे हैं। मैं इनके बीच रहता हूं, मैं जानता हूं।
इस सरकार ने भी आरक्षण नहीं दिया तो क्या करेंगे?
क्च सभी कान खोलकर सुन लें, जो हमारी देखभाल करेगा, हम उसकी देखभाल करेंगे। लेकिन अगला चुनाव बहुत निर्णायक होगा। उसमें बहुत कुछ निर्णायक होगा।
वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत में क्या मूल फर्क देखा?
वो बड़ी तेजतर्रार (अस्टूट) हैं और ये जेंटलमैन। आप अगर दूध से भरा गिलास रख देंगे तो ये जेंटलमैन घूंट तब भरेगा जब तक बिल्ली को न पिला ले! और अगर वसुंधरा के सलाहकार सही होते तो बात कुछ और होती। वसुंधरा अगर अपने मन से फैसले लें तो मेरा मानना है, वे रेयरेस्ट रेयर रूलर हैं।
मुख्यमंत्री से आपकी नजदीकियां बढ़ी हैं। माना जा रहा है कि आप इस बार कांग्रेस से चुनाव लड़ेंगे?
अभी तो कोई इरादा नहीं। लेकिन ये कह सकता हूं कि मैंने अपने ही समाज नहीं, अन्य समाजों में भी अच्छा स्थान बनाया है। मैं सामाजिक न्याय को दुरुस्त करने के लिए लडूंगा।
(source: dainikbhaskar)

Thursday, June 28, 2012

अब गुर्जरों को दो जाति प्रमाण

जयपुर. गुर्जरों समेत विशेष पिछड़ा वर्ग में शामिल पांच जातियों के युवाओं को अब दो जाति प्रमाण पत्र मिलेंगे। इनमें एक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दूसरा विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) का होगा। इसके लिए कार्मिक विभाग फॉर्मेट तैयार करेगा। कलेक्टरों और तहसीलदारों को दो प्रमाण-पत्र जारी करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

इन जातियों को केन्द्र सरकार की नौकरियों में आ रही परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला किया है। गुर्जरों के साथ हुई बैठक के फैसलों की क्रियान्विति की समीक्षा बैठक के बाद मुख्य सचिव सी. के. मैथ्यू ने भास्कर को बताया कि २ प्रमाण पत्रों के संबंध में सैद्धांतिक फैसला कर लिया गया है। कार्मिक विभाग को इन प्रमाण-पत्रों का फॉर्मेट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। कार्मिक विभाग जल्दी ही यह फॉर्मेट जिला कलेक्टरों को भिजवाएगा। गुर्जरों की अन्य मांगों छात्रवृत्ति, मुकदमों, देवनारायण योजना के पैकेज में होने वाले कामों के संबंध में संबंधित विभागों ने अब तक हुई प्रगति के बारे में जानकारी दी।

गुर्जर युवाओं को हो रहा था नुकसान

कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला और उनके साथियों के साथ हुई बैठक में यह बिंदु उभरा था कि ज्यादातर युवाओं को केन्द्र सरकार की नौकरियों से वंचित होना पड़ा रहा है। इसकी वजह है कि केन्द्र सरकार में विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) नाम से कोई कैटेगरी ही नहीं है। वहां केवल अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की ही कैटेगरी है। राज्य में एसबीसी का लाभ तभी मिलता है जब एसबीसी का प्रमाण-पत्र हो। जिलों में तहसीलदार केवल एक ही जाति प्रमाण-पत्र जारी करते हैं। गुर्जर प्रतिनिधियों ने इस समस्या के समाधान के लिए दो प्रमाण-पत्र जारी करने की मांग रखी थी।

शिक्षा में आरक्षण अभी नहीं

बैठक में यह बिंदु भी आया कि गुर्जर शैक्षणिक संस्थानों में 5 प्रतिशत आरक्षण तुरंत लागू करने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क यह है कि शैक्षणिक संस्थानों में चूंकि प्रवेश प्रक्रिया हर साल पूरी हो जाती है, इसलिए वहां बैकलॉग नहीं रह सकता। इस पर अधिकारियों ने मुख्य सचिव को बताया कि वर्ष 2008 में पारित एक्ट की धारा 3 में शैक्षणिक संस्थानों में 5 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान था। हाईकोर्ट ने धारा 3 को लागू करने पर भी स्थगन आदेश दे रखा है, इसलिए शैक्षणिक संस्थाओं में फिलहाल आरक्षण नहीं दिया जा सकता। 
 (source: dainik bhaskar)

Monday, June 18, 2012

आरक्षण दिला कर रहूंगा : बैसला

बमोर में हुई गोठ क्षेत्र के 20 गांवों की गुर्जर समाज की महापंचायत

 मेहंदवास (टोंक). बमोर गांव में रविवार को गुर्जर समाज की महापंचायत हुई। आसपास के गांवों से आई भारी भीड़ के बीच कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला ने लोगों को भरोसा दिलाया कि मैं जीते जी समाज को आरक्षण दिलवाकर रहूंगा। इसके लिए चाहे मुझे कोई भी कीमत चुकानी पड़े।

गोठ क्षेत्र के 20 गांवों की सोमवार को हुई महापंचायत के मुख्य अतिथि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला ने दोहराया कि जब तक समाज को आरक्षण नहीं मिलेगा वे चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार 65 लाख गुर्जरों को उनके हक से वंचित नहीं रख सकती। बैसला ने गुर्जर सरदारों को विश्वास दिलाया कि वे निश्चित रहे उनकी हक की लड़ाई जारी रहेगी। बीच-बीच में कर्नल तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ है, के नारों बीच कर्नल ने कहा कि संविधान हमारे लिए है, हम संविधान के लिए नहीं। इस पहले पूर्व पूर्व सरपंच रामस्वरूप गुर्जर सहित स्थानीय समाज के लोगों ने लादूलाल तालिबपुरा, रामप्रकाश झालरा, कुलदीप अंबालाल, सुखदेव, गोपी, उपप्रधान देवलाल गुर्जर का साफा बंधा कर व माल्यार्पण कर स्वागत किया।

इस अवसर पर खंडार प्रधान गिर्राज गुर्जर ने कहा शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि बिना डंडे के आरक्षण नहीं मिलने वाला। खरेड़ा सरपंच रामचंद्र गुर्जर ने कहा कि आरक्षण मिलते समाज की दशा व दिशा अपने आप बदल जाएगी। देवली के पूर्व प्रधान व गुर्जर नेता उदयलाल ने कहा कि कुरीतियां त्यागने व नशे से दूर रहने पर जोर दिया। गुर्जर महासभा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र गुर्जर ने सामाजिक बुराइयां मिटाने, टोंक कृषि चेयरमेन सुमन गुर्जर ने समाज के हित के लिए इस्तीफा तक देने की बात कही। महासभा के ब्लॉक अध्यक्ष रामलाल संडीला, भूमि विकास बैंक के चेयरमेन गणेश गुर्जर, मालपुरा के पूर्व प्रधान छोगालाल गुर्जर, राजेंद्र बोकण, जगदीश महुआ, बहादुर सिंह निमोद, जगदीश लोहरवाड़ा, हरिराम गुर्जर आदि ने भी सभा को संबोधित किया।

Tuesday, June 12, 2012

आरक्षण मिलेगा, हिंसा नहीं करें : सचिन


गिरिराज अग्रवाल/राजेन्द्र जैमन. जीरोता (दौसा)
(source: dainik bhaskar)
केंद्रीय संचार राज्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को गुर्जरों को भरोसा दिलाया कि संविधान के तहत सर्वे लागू करने के साथ ही एसबीसी का 5 प्रतिशत आरक्षण जरूर मिलेगा। वे धैर्य रखें और दौसा जिले में अब किसी भी तरह का हिंसक कदम न उठाएं। पिछले दिनों गुर्जर-मीणा समुदायों में जो कटुता आई थी, उसे दूर करने का प्रयास करें। उन्होंने इस मौके पर भीड़ से आपसी भाईचारे और सद्भाव से रहने का संकल्प भी कराया। कार्यक्रम में मीणा समुदाय के प्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में मौजूद थे।

सचिन पायलट भंडाना (जीरोता) में अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. राजेश पायलट की आदमकद प्रतिमा के अनावरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। कुछ लोगों ने पहले यहां समाज से समाज को लड़ाने का काम किया था। दौसा जिले को इसका नुकसान उठाना पड़ा है। सरकार ने कमीशन बना दिया है। कमीशन के अध्यक्ष ने उन्हें संविधान के दायरे में शीघ्र ही सर्वे रिपोर्ट को लागू करवाने का भरोसा दिलाया है। इस समारोह में केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक, महादेव सिंह खंडेला, हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्रसिंह हुड्डा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान, पूर्व सांसद रमा पायलट, ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्रसिंह, सहकारिता मंत्री परसादी लाल मीणा, शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा, तकनीकी शिक्षा (कृषि) राज्यमंत्री मुरारीलाल मीणा, होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा, शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ संसदीय सचिव राजेंद्र विधूड़ी, ममता भूपेश समेत कई सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

पायलट समर्थकों की सेवा मेरा धर्म


समारोह स्थल से कुछ ही दूरी पर दौसा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा सार्वजनिक प्याऊ पर लोगों को पानी पिलाते नजर आए। मीणा ने भास्कर को बताया कि ये लोग लोकप्रिय नेता राजेश पायलट की मूर्ति के अनावरण समारोह में आए हैं। पायलट उनके अच्छे मित्र थे और उनके लिए यह सीट खाली करके गए हैं। ऐसे में उनके समर्थकों की सेवा करना उनका धर्म है। वे समारोह में आने वालों का स्वागत करने के साथ ही पानी पिलाकर सेवा कर रहे हैं।

सरकार की तारीफ सुनने को तैयार नहीं थे लोग

समारोह में जैसे ही वक्ताओं ने गहलोत सरकार के कामकाज की तारीफ करनी शुरू की तो भीड़ में से हूटिंग होने लगी। इस कारण कई वक्ताओं को अपनी बात कहने में दिक्कत आई। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान, ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, सहकारिता मंत्री परसादीलाल मीणा, तकनीकी शिक्षा (कृषि) राज्यमंत्री मुरारीलाल मीणा, डेयरी एवं खादी राज्यमंत्री बाबूलाल नागर को हूटिंग का सामना करना पड़ा।

बार-बार आंदोलन करके माहौल खराब करते हैं बैसला : गहलोत

मुख्यमंत्री ने कहा-जिनके हाथ 72 गुर्जरों के खून से रंगे थे, आप में से कुछ लोगों ने उन्हीं पर लगा दी मुहर। आरक्षण देंगे, मगर कोर्ट और संविधान का सम्मान करना पड़ेगा।

दौसा/जीरोता. गुर्जर आरक्षण मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार को दौसा में वसुंधरा सरकार, गुर्जरों और बैसला पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि अगर मेरी कलम से ही आरक्षण मिलता हो तो मैं यहां खड़े-खड़े 5 प्रतिशत आरक्षण देने को तैयार हूं। मगर कोर्ट और संविधान का सम्मान करना पड़ेगा। सरकार पारदर्शिता से काम कर रही है, जबकि कर्नल बैसला बार-बार आंदोलन कर माहौल खराब कर रहे हैं। गुर्जर समाज और समाज के हर व्यक्ति को समझने और समझाने की जरूरत है।

प्रतिमा अनावरण समारोह में गहलोत हालांकि आरक्षण मुद्दे को छेडऩे के मूड में नहीं थे, परंतु भीड़ में से बार-बार हो रही हूटिंग (व्यवधान) से नाराज होकर उन्होंने इस मुद्दे पर भड़ास निकाल दी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार के समय में फायरिंग हुई। कुल 21 बार की फायरिंग में 90 लोग मारे गए। इनमें 70 गुर्जर भी थे। आरक्षण के मामले में कुछ लोगों को गुमराह किया गया और प्रदेश में एक काला अध्याय लिख गया। मुझे आश्चर्य है आपकी कौम पर। जिन लोगों के हाथ 70 लोगों के खून से रंगे थे, चुनाव में आपके ही कुछ साथियों ने उन्हीं पर मुहर लगा दी। 5 प्रतिशत आरक्षण विधेयक का समर्थन हमने इसलिए किया था, ताकि गुर्जर यह न समझें कि कांग्रेस उन्हें आरक्षण नहीं मिलने देना चाहती, परंतु उसमें 14 प्रतिशत आर्थिक पिछड़ा वर्ग का आरक्षण भी जोड़ दिया, जबकि उन्हें मालूम था कि यह विधेयक कोर्ट में जाकर अटक जाएगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण की इजाजत नहीं देती है।

इसलिए भड़के सीएम


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाषण के दौरान भीड़ में से बार-बार हूटिंग की जा रही थी। एक बार तो संचार राज्यमंत्री सचिन पायलट ने भी बीच में हस्तक्षेप करके मुख्यमंत्री का भाषण सुनने की अपील की, लेकिन भीड़ आरक्षण मुद्दे पर सीएम का रुख जानना चाहती थी। इस पर सीएम भड़क गए और गुर्जरों व उनके नेताओं को खरी-खोटी सुनाई।

पॉलीटेक्निक कॉलेज पायलट के नाम पर

मुख्यमंत्री ने समारोह स्थल के पास बन रहे राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज का नाम स्व. राजेश पायलट के नाम पर रखने की घोषणा की। दौसा जिले की पेयजल समस्या के समाधान के लिए ईसरदा बांध से पेयजल योजना के सर्वे, फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनवाने का भरोसा दिलाया।

नजर नहीं आए बैसला

स्व. पायलट की प्रतिमा अनावरण समारोह के नाम पर आरक्षण आंदोलन स्थगित करने वाले कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला समारोह में कहीं नजर नहीं आए। उनकी अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही।

Sunday, June 10, 2012

गुर्जरों ने स्थगित किया आंदोलन, महापड़ाव भी उठा

राजेश पायलट की मूर्ति के अनावरण समारोह के कारण किया महापड़ाव स्थगित,फैसले से पहले बैसला ने की मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह से बात

जयपुर. विशेष पिछड़ा वर्ग में आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे गुर्जरों ने रविवार को अपना आंदोलन स्थगित कर दिया।सवाई माधोपुर जिले के कुशालीपुरा दर्रा में कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला ने रविवार दोपहर को कुछ समय के लिए महापड़ाव स्थगित करने की घोषणा की।इससे पहले बैसला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह और मुख्य सचिव सीके मैथ्यू से मोबाइल पर बात की।


बैसला ने दैनिक भास्कर को बताया कि सोमवार को दौसा में गुर्जर नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. राजेश पायलट की मूर्ति का अनावरण समारोह है। चूंकि आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेशभर में आंदोलन चल रहा था और काफी लोग जगह-जगह धरने और महापड़ाव पर बैठे हुए थे। इससे इस कार्यक्रम के प्रभावित होने की संभावना थी, इसलिए महापड़ाव और आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया गया। अगर सरकार ने उनकी मांगें जल्दी पूरी नहीं कीं तो फिर आंदोलन शुरू किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि बैसला पिछले पांच दिन से पहले सवाई माधोपुर के छाण गांव में और बाद में कुशालीपुरा दर्रा के पास महापड़ाव पर बैठे थे। उनके समर्थन में राज्य में कई जगहों पर गुर्जरों के धरने, प्रदर्शन, सभाएं और पड़ाव शुरू हो गए थे।


इसलिए किया महापड़ाव स्थगित


सरकार की ओर से अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया जा चुका है।


आयोग बहुत जल्दी दो-तीन दिन में ही अपना कामकाज शुरू कर देगा।


गुर्जरों के पिछड़ेपन से संबंधित सर्वे रिपोर्ट राज्य सरकार जल्दी ही आयोग को पेश करेगी।


शैक्षणिक संस्थाओं में विशेष पिछड़ा वर्ग का 5 प्रतिशत आरक्षण इसी सत्र से लागू करने के संबंध में सरकार से वार्ता की जाएगी।

(source : dainikbhaskar.com)

Saturday, June 09, 2012

गुर्जर समाज की महापंचायत 13 को

मालपुरा. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के आह्वान पर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के तत्वाधान में देवनारायण मंदिर में शुक्रवार को गुर्जर समाज के लोगों की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के जिला संयोजक बच्छराज गुर्जर ने की। बैठक में बैंसला के निर्देशानुसार आरक्षण के लिए आंदोलन किए जाने का निर्णय लिया गया एवं आरक्षण आंदोलन को सफल बनाने के लिए १३ जून को मालपुरा तहसीलस्तरीय गुर्जर समाज की महापंचायत सम्राट मिहिर भोज गुर्जर छात्रावास अजमेर रोड पर आयोजित किए जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में आरक्षण संघर्ष समिति के जिला संयोजक बच्छराज गुर्जर के अलावा ब्लॉक अध्यक्ष रिद्धकरण गुर्जर, उपाध्यक्ष मदन अवाना, मंत्री भोलाराम बैंसला, रिद्धकरण देवलिया, लक्ष्मण कटारिया, घासीलाल गुर्जर, शंकर लाल भडाना, विकास भडाना, रामवतार छौकर, राजेन्द्र, किशन, श्योजी, लक्ष्मीनारायण, बनवारी लाल सहित अन्य गुर्जर समाज के नेता उपस्थित रहे।

गुर्जर आरक्षण आंदोलन : अब कुशालीदर्रा पर डेरा

छाण गांव में डाले महापड़ाव के तीसरे दिन कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में गुर्जर कुशालीदर्रा रवाना हुए

 सवाई माधोपुर. आरक्षण की मांग को लेकर खंडार तहसील के छाण गांव में डाले महापड़ाव के तीसरे दिन गुर्जरों ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में कुशालीदर्रा पहुंचकर डेरा डाल दिया। शिवपुरी स्टेट हाइवे मार्ग स्थित कुशालीदर्रा पर गुर्जर समाज के लोगों के जमावड़ा जमाने के बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर शिवपुरी स्टेट हाइवे मार्ग पर वाहनों का आवागमन खंडार रोड स्थित रामद्वारा के पास ही रोक दिया। वाहनों का आवागमन बंद होने के कारण आसपास के गांवों सहित मध्य प्रदेश के श्योपुर व कोटा जिले के इटावा खातौली सहित अन्य स्थानों पर जाने वाले यात्रियों को करीब 30 किलोमीटर का रास्ता पैदल ही तय करना पड़ा। बाद मेंं वे बहरावंडा से वाहनों में सवार होकर गंतव्य को पहुंचे।
आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समाज के लोगों द्वारा कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के नेतृत्व में छाण गांव में शुरू किए महापड़ाव के तीसरे दिन भी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। गुर्जर समाज के  पंच पटेलों की दोपहर में छाण गांव में सभा हुई। सभा में मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले सहित कोटा व खंडार क्षेत्र के काफी संख्या में गुर्जर समाज के लोग मौजूद थे। महासभा में सभी पंच पटेलों से सलाह मशविरा करने के बाद गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने दो पहाडिय़ों के बीच होकर निकल रहे शिवपुरी स्टेट हाइवे मार्ग स्थित कुशालीदर्रा पर महापड़ाव डालने का निर्णय लिया। कुशालीदर्रा में महापड़ाव डालने की घोषणा के बाद गुर्जर समाज के सभी लोग कर्नल बैसला के साथ जुलूस के रूप में वाहनों तथा पैदल ही छाण से कुशालीदर्रा के लिए नारेबाजी करते हुए रवाना हुए। करीब 15 किलोमीटर का रास्ता तय कर जुलूस के रूप मे शाम पांच बजे कुशालीदर्रा पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद जुलूस सभा के रूप में बदल गया।

एक्सपेरिमेंट कर रही है सरकार

सवाई माधोपुर त्न कुशालीदर्रा में महापड़ाव पर बैठे गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला ने भास्कर से बातचीत में कहा कि गुर्जर समाज वर्षों से आरक्षण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है। सरकार गुर्जरों की मांग पर ध्यान नहीं दे रही है। सरकार ने लोकतंत्र में मुस्लिमों व जाटों को बिना आंदोलन किए आरक्षण दे दिया। गुर्जरों को आंदोलन करने के बाद भी आरक्षण नहीं दिया जा रहा हैं। आखिर सरकार गुर्जरों पर ही क्यों एक्सपेरिमेंट कर रही है। सरकार अभी तक गुर्जर समाज को हल्के में ले रही है। इस बार गुर्जर समाज सरकार के बहकावे में नहीं आने वाला।

ट्रैक पर बढ़ाई सुरक्षा

सवाई माधोपुर त्न कुशालीपुरा में गुर्जर आरक्षण आंदोलन को देखते हुए रेलवे पुलिस प्रशासन ने भी रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा बढ़ा दी है। आरपीएफ थाना प्रभारी रमेश चंद ने जवानों को ट्रैक की सुरक्षा के निर्देश दिए हैं। रेलवे इंजीनियर एवं कर्मचारी भी ट्रैक पर पेट्रोलिंग कर रहे हैं। आरपीएफ थाना प्रभारी ने बताया कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान रेल पटरियों पर किसी प्रकार व्यवधान नहीं हो तथा व्यवस्थाएं एवं सेवाएं सुचारू चलती रहे। ऐहतियात के तौर पर जवानों को तैनात कर दिन एवं रात के समय गश्त करने के निर्देश दिए हैं। रेलवे प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग की टीम भी रेलवे स्पेशल कोच से विशेष नजर रखे हुए हैं। जिले में कानून एवं व्यवस्था बनाएं रखने के लिए कलेक्टर ने जिला स्तरीय अधिकारियों को सतर्कता रखने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर गिरिराज सिंह कुशवाह ने कुशालीपुरा क्षेत्र का दौरा किया। कर्नल बैसला से दूरभाष पर वार्ता भी की। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में पानी, बिजली सहित अन्य व्यवस्थाएं समुचित रखें। छाण एवं कुशालीपुरा की स्थिति से राज्य सरकार एवं उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर शंकरलाल शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मामनसिंह, एसडीएम सवाई माधोपुर एवं अन्य अधिकारी छाण गांव एवं आसपास के क्षेत्र में दिन भर नजर रखे रहे।

कुशालीदर्रा पर ही क्यों लगाया जाता है जाम

सवाई माधोपुर/बहरावंडा कलांत्न कुशालीदर्रा होकर जाने वाले सवाई माधोपुर से ग्वालियर जाने वाले स्टेट हाइवे के दोनों तरफ पहाड़ होने के कारण यहां पर आसानी से जाम लगाया जा सकता है।
दूसरा आसपास के गांव गुर्जर बाहुल्य होने के कारण अच्छी संख्या में समाज के लोग जमा रहते हैं। तीसरा समाज के अधिकतर लोग वन क्षेत्र एवं यहां की आबोहवा से परिचित होने के कारण आसानी महसूस करते हैं। पूर्व में आरक्षण आंदोलन के दौरान इसी स्थान पर पुलिस की गोली से दो लोगों की मृत्यु होने के बाद उनकी समाधि बनाई गई थी। इस कारण भी सामाजिक एवं भावनात्मक रूप से इस स्थान को समाज के लोग महत्वपूर्ण मानते हैं। इसके अलावा दोनों ओर पहाडिय़ां ं होने से प्रशासनिक कार्रवाई भी एकाएक नहीं हो पाती।

शिवपुरी स्टेट हाइवे बंद

कुशालीदर्रा पर गुर्जरों के महापड़ाव को देखते हुए प्रशासन ने खंडार, श्योपुर सहित कोटा जिले खातोली, इटावा आदि स्थानों पर जाने वाले वाहनों को शहर में रामद्वारा के पास ही रोक दिया। हालांकि बैंसला ने गुर्जर समाज की ओर से अभी तक आधिकारिक तौर पर जाम लगाने की घोषणा नहीं की, लेकिन प्रशासन की ओर से वाहनों को रोकने से इस मार्ग पर वाहनों का आवागमन अब पूरी तरह बंद हो गया है। लोगों को पैदल ही जाना पड़ा।

 करौली जिले में भी आरक्षण आंदोलन

गुड़ला में गुर्जरों का महापड़ाव शुरू

करौली. सवाईमाधोपुर के छान गांव में कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के महापड़ाव के बाद आरक्षण का बिगुल करौली जिले में बज गया है। शुक्रवार को गुर्जर समाज के 12 गांवों के लोगों ने करौली हिंडौन मार्ग स्थित गुड़ला गांव में महापड़ाव शुरू कर दिया है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के तत्वावधान में शुरू हुए महापड़ाव में समाज के लोगों ने कहा कि संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला जो भी निर्देश देंगे उसकी गुर्जर समाज के लोग पालना करेंगे। संघर्ष समिति के भानुप्रताप उर्फ बटरू गुर्जर ने बताया कि संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला द्वारा सवाईमाधोपुर के छान गांव में शुरू हुए महापड़ाव के बाद संघर्ष समिति के तत्वावधान में गुड़ला गांव में महापड़ाव शुरू कर दिया गया है। जिले के अन्य स्थानों पर भी महापड़ाव शुरू किए जाएंगे। इस बार गुर्जर समाज किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेगा और आरपार की लड़ाई लड़ेगा।
प्रदेश संघर्ष समिति के कंट्रोल प्रभारी सूबेदार भीम सिंह ने कहा कि आरक्षण की इस लड़ाई में गुर्जर समाज पूरी तरह एकजुट हैं। कर्नल के यहां से जो भी आदेश मिलेगा समाज के लोग उसे पूरा करेंगे। इस बार सरकार के झांसे में समाज के लोग आने वाले नहीं हैं।

    महापड़ाव में युवा गुर्जर महासभा के धीरेंद्र बैंसला, साहेब सिंह, दशरथ, अतर सिंह, पूर्व सरपंच कलुआ राम, रौंडकला सरपंच पूरण, जगपाल बैसला (जेपी), नथुआ सिंह सहित गुर्जर समाज
के 12 गांवों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

हरहाल में लेकर रहेंगे आरक्षण

कंजोलीत्नकंजोली में शुक्रवार को गुर्जर महापंचायत भरोसी हरसाना की अध्यक्षता में हुई।  महापंचायत में उपस्थित गुर्जर समाज के लोगों ने एक स्वर में कहा कि गुर्जर समाज हर हाल में आरक्षण का हक लेकर रहेगा।
इस मौके पर समिति के व्यवस्थापक ऊदल सिंह पेंचला ने कहा कि सरकार गुर्जरों के आरक्षण की मांग को पूरी नहीं कर पा रही है। इससे गुर्जर समाज के लोगों में रोष है। आरक्षण की मांग को लेकर कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के नेतृत्व में समाज के लोग सवाईमाधोपुर के छाण गांव में महापड़ाव पर बैठे हैं और उनके समर्थन में पीलूपुरा के पास धरना दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि समाज को आरक्षण का हक नहीं दिया गया तो आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष अतरूप सिंह ताजपुर ने कहा कि सरकार को शीघ्र ही 4 प्रतिशत शेष आरक्षण लागू करने के साथ पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के साथ पूरी समिति गठित करनी चाहिए।
महापंचायत में निर्णय लिया गया कि कर्नल बैसला के निर्देशों तक गांव में महापड़ाव जारी रहेगा। महापंचायत को राजू नेता, भीमराज, भरतसिंह, जनक सिंह, विजेंद्र, रामभान, हरसहाय, वीपी सिंह, साहब सिंह, हरगुन, कृष्णा गुर्जर, कजोड़ी, करन सिंह, हरप्रसाद, कैलाश, अमरसिंह, सरपंच दीपक करेला, गोविंद सिंह, ब्रह्मसिंह, जीतू तंवर, हरकेश लपावली आदि ने संबोधित किया।

पीलूपुरा में धरना शुरू

सूरौठ. पांच फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार से गुर्जरों ने पीलूपुरा के पास धरना शुरू कर दिया है। पीलूपुरा के शहीद स्मारक स्थल पर गुर्जर धरने पर बैठे हुए हंै। धरने पर बैठे गुर्जरों का कहना रहा कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला का इशारा मिलते ही पीलूपुरा में आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। गुर्जर नेता भूरा भगत, श्रीराम बैसला, राजस्थान गुर्जर युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष जीतू तंवर, दीवान सिंह, प्रताप सिंह, कमल सिंह, सुभाष सहित गुर्जर समाज के लोग पीलूपुरा स्थित शहीद स्मारक स्थल पर धरने पर बैठ गए हैं। धरना स्थल पर कीर्तन मंडली कार्यक्रम भी शुरू कर दिया है।


Thursday, June 07, 2012

गुर्जर महापड़ाव शुरू

वक्ताओं ने कहा- दो दिन छाण में शांतिपूर्ण रहेगा महापड़ाव, महापंचायत में सात हजार लोग आए, सरकार ने 4 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा नहीं की तो दो दिन बाद कुशालीदर्रा के लिए होगा कूच

 सवाई माधोपुर. गुर्जर महासभा के तत्वावधान में बुधवार को सुबह 11 बजे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अध्यक्षता में छाण कस्बे में गुर्जर समाज की महापंचायत शुरू हुई। इसमें समाज के हजारों लोग उपस्थित थे। महापंचायत में उपस्थित लोगों ने आरक्षण के अलावा शिक्षा एवं विकास के मुद्दों पर चर्चा की। बाद में सभी उपस्थित लोगों ने कहा कि यह सरकार आरक्षण के मुद्दे पर ऐसे मानने वाली नहीं है। हमें इसके लिए संघर्ष करना होगा। इसके बाद उपस्थित लोगों ने महापंचायत को शाम 5 बजे महापड़ाव में तब्दील कर दिया।

महापंचायत में बैंसला ने कहा कि सरकार को हमने 4 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए 10 दिन का समय दिया था। इसमें से आज आठ दिन बीत गए, दो दिन बाकी है। इसके बाद बैंसला सहित उपस्थित लोगों ने महापंचायत को आज ही महापड़ाव में बदलने का फैसला किया। प्रधान गिर्राज गुर्जर ने बताया कि दो दिन उनका छाण में ही महापड़ाव रहेगा तथा शांतिपूर्ण रहेगा। इसके बाद भी सरकार उनको उनका 4 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा नहीं करती है तो इसके बाद महापड़ाव यहां से चलकर कुशालीदर्रा पर लगाया जाएगा। इसके बाद वहां पर ही आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

बैठक को कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अलावा, खंडार प्रधान गिर्राज गुर्जर, गिर्राज गुर्जर एडवोकेट, रंगलाल गुर्जर, हेमराज पटेल छाण, राजस्थान गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष रामसिंह गुर्जर, पिंटू सिंह खंडार, मीठालाल बैरना, मोहन सिंह भरतपुर, मुखराज गंगापुर, मुकेश गंगापुर, किशनलाल टोडवाल, मूलचंद डायरेक्टर, छीतर नेता कैलाशपुरी, एडवोकेट वीरेंद्र सिंह गुर्जर आदि ने संबोधित किया।

जो भी जाना चाहे, वह जा सकता है घर


कमलेश गुर्जर एडवोकेट ने बताया कि महापंचायत में निर्णय लिया गया कि समाज का जो कोई भी व्यक्ति महापड़ाव से जाना चाहता है, वह जा सकता है, उसको माला पहनाकर एवं वाहन से उसके घर भिजवाया जाएगा। इस घोषणा के बाद एक भी व्यक्ति महापड़ाव से उठकर नहीं गया।

महापड़ाव में इस समय करीब सात हजार के आसपास लोग बैठे हुए हैं। उनके लिए भोजन वहीं बनाया जा रहा है। महापड़ाव में उपस्थित लोग नाच-कूद कर रहे हैं तथा रसिया गा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि अभी उनका महापड़ाव शांतिपूर्ण है। अभी किसी प्रकार का जाम नहीं लगाया गया है। उन्होंने बताया कि दो दिन में सरकार उनकी मांग को नहीं मानती है तो उसके बाद कुशालीदर्रा के लिए कूच किया जाएगा।

Tuesday, May 29, 2012

गुर्जर समाज को आरक्षण दिलाना मुख्य मकसद : बैसला


दाखियां गांव में लाच्छू माता मंदिर का जीर्णोद्घार 
मेहंदवास. दाखियां गांव में गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह ने कहा कि उनके जीवन का मुख्य मकसद समाज को आरक्षण दिलाना है। गुर्जर समाज के महिला पुरुषों की भारी भीड़ के बीच कर्नल बैसला ने फिर से हुंकार भरी कि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नही दिया जो फिर से आरपार का आंदोलन किया जाएगा।

गुर्जर आरक्षण मंच के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला, डा. रूपसिंह व उपाध्यक्ष कैप्टन हरिसिंह शनिवार को दाखियां गांव में लाच्छू माता मंदिर के जीर्णोद्घार की पूर्णाहुति समारोह में लोगो को संबोधित कर रहे थे। कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला ने जयकारों के बीच मौजूद लोगों को कहा कि वे एकता बनाए रखते हुए उनके हाथ मजबूत करें। सरकार की नियत में खोट बताते हुए उन्होने कहा कि ५ सितंबर तक आरक्षण की मांगों पर ध्यान नही दिया गया तो फिर से एक बड़ा आंदोलन करने पर विवश होंगे। मौजूद गुर्जर सरदारों से उनका साथ देने की बात कहते हुए बैसला ने कर्जमुक्त रहकर ही गुर्जरों का विकास संभव बताया।

भावुक होते हुए बैसला ने कहा कि जब समाज की महिलाओं को वे गोबर थोपते हुए देखते है, तो उनके मन में ज्वालाुखी फूट पड़ता है। क्षेत्र में बालिकाओं का आवासीय स्कूल खुलवाने का वादा करते हुए उन्होने कहा कि वे समाज की बेटियों को भी कलेक्टर की कुर्सी पर बैठे देखना चाहते है। मंच के उपाध्यक्ष केप्टन हरिसिंह ने सरकार को ललकारते हुए कहा कि सरकार लट्ठ की भाषा समझती है। इसलिए गुर्जर समाज को फिर से आंदोलन के लिए तैयार रहने को कहा। डॉ. रूपसिंह ने टोंक को देवभूमि बताते हुए हरसल गुर्जर समाज द्वारा तूड़ी की राशि से बनाए गए लाच्छू माता मंदिर को सराहनीय कदम बताया।

उन्होंने कहा कि कर्नल बैसला ने हमे जो दिशा दी है उसे हरहाल में पूरी की जानी चाहिए। आरक्षण मिलने तक चुप नही बैठकर समाज के ७१ लोगो की कुर्बानी व्यर्थ नही गंवाने की बात कही। खरेड़ा सरपंच रामचंद्र गुर्जर ने समाज के लोगो को तीन आंखे रखते हुए एक स्कूल पर दूसरी खेत पर तथा तीसरी वोट पर रखने की अपील करते हुए गुर्जर समाज को कर्नल का साथ देने की बात कही।

समारोह को पूर्व उप जिला प्रमुख श्योबक्श गुर्जर, राजेंद्र गुर्जर, केएल गुर्जर श्योजीराम जेतलिया सहित अन्य लोगो ने भी संबोधित किया।

समाज की महिलाओं से की चर्चा 

 लाच्छू माता मंदिर का लोकार्पण करने के बाद बैसला ने मार्ग मे घूंघट की ओट में खड़ी महिलाओं से राम राम करते हुए बालिकाओं की शिक्षा पर ध्यान देने व समाज सेवा को ही भक्ति मानकर काम करने को कहा।


ये लोग थे मौजूद

 गदीश महुआ, उपसरपंच आडी गुर्जर, रामलाल संडीला, सीताराम गुर्जर, पीटीआई केसरलाल, रामनारायण दीवान, राजूलाल, रामनिवास गुर्जर, धर्मराज गुर्जर, प्रेमलाल, रमेश, रोडू, घांसीलाल, देवकरण, मेवाराम तथा समाज के लोग मौजूद थे।

Friday, May 04, 2012

हाईकोर्ट ने पूछा- 'गुर्जर आंदोलन में कितने लोग मरे'

जयपुर.गुर्जर आरक्षण आंदोलन (2008) के दौरान अदालती आदेश की अवमानना के मामले में हाईकोर्ट ने गृह सचिव, डीजीपी व किरोड़ी सिंह बैसला को 11 मई को अदालत में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का निर्देश दिया है। साथ ही डीजीपी से विस्तृत शपथ पत्र पेश कर यह बताने के लिए कहा है कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान कितने लोग मारे गए थे। लोगों की मौत कौन सी जगह पर और किस दिनांक को हुई थी तथा सरकार ने मौत के बाद क्या आवश्यक कदम उठाए।



न्यायाधीश महेश चन्द्र शर्मा ने यह अंतरिम आदेश गुरुवार को तत्कालीन विशेष गृह सचिव की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। अदालत ने गृह सचिव को भी यह शपथ पत्र पेश करने के लिए कहा सरकार इस अवमानना याचिका को चलाना चाहती है अथवा नहीं। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार के शपथ पत्र से असहमति जताते हुए कहा कि उसमें यह स्पष्ट नहीं है कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान कितने लोगों की मौत हुई, लिहाजा डीजीपी शपथ पत्र पेश कर यह जानकारी दें।


यह है मामला

 सरकार ने 28 मई 08 को अदालत में दायर अवमानना याचिका में कहा कि गुर्जर आंदोलन ने हिंसात्मक रूप ले लिया है और वे महापंचायत बुलाकर हिंसा फैला रहे हैं, वे आमजन के मौलिक अधिकारों का हनन करना चाहते हैं।


सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में प्रसंज्ञान लिया था और सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने के लिए कहा था, लेकिन इन्होंने आंदोलन के दौरान रास्ता व रेल रोकने का प्रयास किया जिससे आमजन को परेशानी हुई।  जबकि अदालत ने 10 सितंबर 07 के आदेश से निर्देश दिया था कि वे ऐसा न करें। इन्होंने अदालती आदेश का उल्लंघन किया बल्कि आमजन के अधिकारों का भी हनन किया है।
(Source: Bhaskar News)