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Thursday, September 23, 2010

15 तारीख सरकार की और 21 हमारी

गुर्जरों की राष्ट्रीय महापंचायत अल्टीमेटम के साथ संपन्न


(सवाई माधोपुर जिला-गंगापुर सिटी) .  बैराड़ा कांड को लेकर बुधवार को देवनारायण मंदिर पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला की अध्यक्षता में हुर्ई गुर्जरों की राष्ट्रीय महापंचायत अल्टीमेटम के साथ संपन्न हो गई। गुर्जर नेताओं ने बताया कि पुलिस और प्रशासन ने उनकी मांगें पूरी करने के लिए 15 अक्टूबर तक का समय मांगा है और उन्होंने अपनी ओर से इस समय सीमा को एक सप्ताह और बढ़ाते हुए 21 अक्टूबर का समय दिया है। अगर इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं हुई तो गुर्जर समाज बड़ा आंदोलन करेगा। महापंचायत को देखते हुए प्रशासन व पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी सुरक्षा बंदोबस्त किए थे। महापंचायत को कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला व प्रहलाद गुंजल सहित अन्य गुर्जर नेताओं ने संबोधित किया।
उल्लेखनीय है कि बैराड़ा गांव में थानेदार की रिवॉल्वर चोरी करने के आरोप में पुलिस ने १० लोगों पर केस दर्ज किया था। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से वार्ता विफल होने के बाद गुर्जरों ने आज इन लोगों की रिहाई सहित अन्य मांगों को लेकर महापंचायत की।
पहले मना किया, फिर मान गए वार्ता के लिए
महापंचायत के दौरान एक धड़ा आंदोलन को उग्र कर रास्ता जाम करने जैसे कदम उठाने पर अड़ा था वहीं दूसरे पक्ष के नेता मामले को शांतिपूर्वक निपटाने के प्रयास में थे। प्रशासन ने गुर्जर नेताओं के पास वार्ता का प्रस्ताव भिजवाया तो एक बार तो लोगों ने मना कर दिया। बाद में मंच संचालन कर रहे मानसिंह गुर्जरके समझाने पर महापंचायत प्रतिनिधिमंडल भेजने को राजी हो गई। मिट्ठूसिंह गुर्जर, भूरा भगत बयाना, राजेंद्र टोंक, अतरसिंह एडवोकेट, कैलाश सिंह, रंगलाल एडवोकेट, बाबू सरपंच, रामखिलाड़ी सरपंच, महेंद्र सिंह खेड़ला और गिर्राज खंडार आदि नेताओं का प्रतिनिधिमंडल प्रशासन से वार्ता करने गया। प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता के बाद आकर महापंचायत में बातचीत का ब्यौरा दिया।
...तो फिर सड़क पर बैठ जाएंगे


महापंचायत में कर्नल बैसला ने कहा कि सरकार के अधिकारियों ने मांगें पूरी करने के लिए 15 अक्टूबर तक का समय मांगा है। हम अपनी ओर से एक सप्ताह का समय और दे रहे हैं, अगर 21 अगस्त तक बैराड़ा कांड के आरोपियों की रिहाई, झूठे मुकदमे वापस लेने, चोरी का माल बरामद करने और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई जैसी मांगें पूरी नहीं हुई तो वे फिर सड़क पर बैठ जाएंगे।
निष्पक्ष जांच करेंगे
मधुसूदन सिंह, भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मधुसूदन सिंह ने कहा कि किसी भी मुद्दे को समय सीमा में बांधना ठीक नहीं होगा। हम जल्दी से जल्दी इस मसले का हल निकाल लेंगे। फिलहाल गुर्जर प्रतिनिधियों की मांग पर मामले का जांच अधिकारी बदलकर जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मामल सिंह को सौंप दी गई है। निष्पक्ष जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

Friday, September 17, 2010

गुर्जरों का जयपुर रोड पर पड़ाव

बैराड़ा कांड : पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले ग्रामीणों को परेशान किए जाने से गुस्सा हैं गुर्जर, झूठे मुकदमे हटाने की मांग
जयपुर रोड स्थित हिंगोटिया देवनारायण मंदिर पर पड़ाव डालकर बैठे गुर्जर।
(सवाई माधोपुर जिला-गंगापुरसिटी). बैराड़ा कांड के बाद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले ग्रामीणों को परेशान किए जाने से गुर्जर समाज में जोरदार रोष है। आक्रोशित गुर्जरों ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के नेतृत्व में जयपुर रोड स्थित हिंगोटिया देवनारायण मंदिर पर पड़ाव डाल दिया। 
पड़ाव से पूर्व देवनारायण मंदिर पर सभा हुई, जिसमें वक्ताओं ने सरकार और पुलिस की कड़ी आलोचना की। कर्नल बैंसला ने बताया कि बैराड़ा में हुए घटनाक्रम के बाद पुलिस के साथ जो वार्ता हुई थी, उसमें पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट तौर पर वादा किया था कि जो आदमी ग्रामीण पुलिस को सौंप रहे हैं उन्हें शीघ्र रिहा किया जाएगा और इस मामले में जो भी एफआईआर पुलिस की ओर से दर्ज की गई है उनमें एफआर लगा दी जाएगी। खासतौर पर सरकारी रिवॉल्वर का केस नहीं बनाया जाएगा। साथ ही पुलिस गांव में न दबिश देगी और न ही लोगों को किसी तरह परेशान करेगी, लेकिन पुलिस ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया। लोगों ने 7 जने पुलिस को सौंपे थे, लेकिन पुलिस ने बाद में तीन और ग्रामीणों को जबरन गिरफ्तार कर लिया। अब भी10 लोग जेलों में बंद हैं। ऐसे में कैसे पुलिस की बात पर विश्वास किया जा सकता है। उन्होंने सरकार और पुलिस पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के डीजी जानबूझकर इस मामले में कथित तौर पर जतिवाद कर रहे हैं और गुर्जरों को परेशान कर रहे हैं।
 
यह था मामला
बैराड़ा गांव में चोरी कर भागे कुछ चोरों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया था। उन्हें छुड़ाने के लिए बामनवास थानाधिकारी जब बैराड़ा पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें चोरों का साथी समझकर पीट डाला। घटना के दौरान थानाधिकारी की सरकारी रिवॉल्वर भी गुम हो गई थी। बाद में गुर्जर समाज के नेताओं और पुलिस के बीच हुई बातचीत के बाद ग्रामीणों ने 7 जने पुलिस को सौंपे थे, लेकिन शर्त रखी थी कि उनके साथ हिरासत मे मारपीट नहीं होगी। उन्हें जल्द रिहा कर सरकारी रिवॉल्वर का केस खत्म कर दिया जाएगा। समाज के लोगों का आरोप है कि पुलिस ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया और समाज के लोग अभी भी हिरासत में हैं।

क्या है मांगें : कर्नल बैंसला ने मांग की कि गिरफ्तार लोगों को तुरंत रिहा किया जाए, आम्र्स एक्ट के मामले को वापस लिया जाए और पक्षपात करने वाले डीजी को हटाया जाए। उन्होंने कहा कि जिले की पुलिस पर गुर्जर समाज को भरोसा नहीं है। इस मामले की जांच बाहर के जिले की पुलिस से कराई जाए।

पड़ावस्थल पर बैठे कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला।
जयपुर में वार्ता विफल 
मांगों को लेकर समाज का 11 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को जयपुर आकर मुख्यमंत्री से मिला। प्रतिनिधि मंडल के सदस्य मानसिंह गुर्जर ने बताया कि सुबह उनकी मुख्यमंत्री से दो दौर में वार्ता हुई। दल ने मुख्यमंत्री को सारे मामले से अवगत कराया और उनसे गिरफ्तार किए गए लोगों की शीघ्र रिहाई की मांग की। दल की मांग पर मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिरीक्षक को तलब कर ईओ नोट बनवाया और उसे हाथोहाथ मंजूर करते हुए गृहमंत्री को भिजवा दिया। बाद में प्रतिनिधिमंडल ने शाम को गृहमंत्री से मुलाकात की। उन्होंने आगाह किया कि यदि  सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो पड़ाव जारी रहेगा और आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मांगों पर विचार करने के लिए गृहमंत्री ने डीजीपी और आईजी क्राइम को तलब किया है।  देर शाम वार्ता विफल होने पर वे कक्ष के बाहर निकल गए। प्रतिनिधिमंडल में कैप्टन हरप्रसाद, कैप्टन गंगाराम, महेंद्र सिंह खेड़ला, दामोदर सीआई, हरगोविंद कटारिया, मिट्ठूसिंह गुर्जर, बाबूलाल सरपंच, रामखिलाड़ी सरपंच, मानसिंह गुर्जर और विजय गुर्जर शामिल थे।