Friday, August 12, 2011

सगा आचार्य वही जो आचरण से सिखाए

आचार्य अभ्यास वर्ग में डॉ. कन्हैया लाल गुर्जर ने आचार्यों को किया संबोधित
 
(निवाई). राजकीय पीजी कॉलेज टोंक के भूगोल विभाग के प्राध्यापक डॉ. कन्हैया लाल गुर्जर ने कहा कि सगा आचार्य वह है जो अपने आचरण के द्वारा शिक्षा देता है। बालक का मन कोमल होता है, इसलिए जैसा शिक्षक करता है वह उसी के अनुरूप खुद को ढालने का प्रयास करता है। अत: आचार्य को अपने जीवन में संयम एवं सदाचारी होना चाहिए। वे स्थानीय माध्यमिक सरस्वती विद्या मन्दिर में आचार्य अभ्यास वर्ग के बौद्धिक सत्र में उपस्थित आचार्यो को सम्बोधित कर रहे थे।
डॉ. गुर्जर ने कहा कि वर्तमान में हमारे देश में जो गुरु-शिष्य परम्परा धूमिल होती जा रही है उसके लिए शिक्षक समाज भी जिम्मेदार है। बौद्धिक सत्र में जीव विज्ञान के प्राध्यापक प्रो. एम एम नामा ने पर्यावरण संरक्षण रक्षण एवं जनसंख्या सन्तुलन पर, समिति के जिला प्रमुख महेश कुमार शर्मा ने आदर्श विद्यालय सामाजिक चेतना के केन्द्र पर, मालपुरा संकुल प्रमुख मथुरा लाल गुर्जर ने शिक्षण की आधारभूत कुशलताएं, देवली संकुल प्रमुख अशोक विजय ने आचार्य दैनन्दिनी विषय पर, एवं जिला अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर शर्मा ने भारत का स्वर्णिम इतिहास विषय पर जिला मंत्री कर्ण सिंह खत्री ने आचार्य कल्याण कोष विषय पर  बौद्धिक व्याख्यान दिया।

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