न्यायाधीश महेश चन्द्र शर्मा ने यह अंतरिम आदेश शुक्रवार को तत्कालीन विशेष गृह सचिव संदीप वर्मा की अवमानना याचिका पर दिया। बैंसला के अलावा जिन्हें अवमानना नोटिस जारी किए हैं उनमें कैप्टर हरप्रसाद, कैप्टन जगराम सिंह, अतर सिंह, शिवचरण, भरतसिंह, लाखन सिंह, रामहरि, विजेन्द्र सिंह, उदल सिंह, भीम सिंह, अटरूप सिंह व अशोक धाभाई शामिल हैं। राज्य सरकार के तत्कालीन विशेष गृह सचिव ने 28 मई 08 को अवमानना याचिका दायर कर कहा कि गुर्जर आंदोलन ने हिंसात्मक रूप ले लिया है और वे महापंचायत बुलाकर हिंसा फैला रहे हैं और आमजन के मौलिक अधिकारों का हनन करना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में प्रसंज्ञान लिया था और सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने के लिए कहा था। लेकिन इन्होंने आंदोलन के दौरान रास्ता व रेल रोकने का प्रयास किया जिससे आमजन को परेशानी हुई। जबकि अदालत ने 10 सितंबर 07 के आदेश से निर्देश दिया था कि वे ऐसा न करें। साथ ही आदेश में कहा था कि कलेक्टर की अनुमति के बिना कोई भी आंदोलन, बैठक व महापंचायत नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी इन्होंने अदालती आदेश का उल्लंघन किया बल्कि आमजन के अधिकारों का भी हनन किया है। याचिका में गुहार की गई कि आदेश की अवमानना करने पर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि जिससे कि पुनरावृत्ति न हो पाए।
Friday, August 05, 2011
बैंसला सहित 13 को अवमानना नोटिस
न्यायाधीश महेश चन्द्र शर्मा ने यह अंतरिम आदेश शुक्रवार को तत्कालीन विशेष गृह सचिव संदीप वर्मा की अवमानना याचिका पर दिया। बैंसला के अलावा जिन्हें अवमानना नोटिस जारी किए हैं उनमें कैप्टर हरप्रसाद, कैप्टन जगराम सिंह, अतर सिंह, शिवचरण, भरतसिंह, लाखन सिंह, रामहरि, विजेन्द्र सिंह, उदल सिंह, भीम सिंह, अटरूप सिंह व अशोक धाभाई शामिल हैं। राज्य सरकार के तत्कालीन विशेष गृह सचिव ने 28 मई 08 को अवमानना याचिका दायर कर कहा कि गुर्जर आंदोलन ने हिंसात्मक रूप ले लिया है और वे महापंचायत बुलाकर हिंसा फैला रहे हैं और आमजन के मौलिक अधिकारों का हनन करना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में प्रसंज्ञान लिया था और सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने के लिए कहा था। लेकिन इन्होंने आंदोलन के दौरान रास्ता व रेल रोकने का प्रयास किया जिससे आमजन को परेशानी हुई। जबकि अदालत ने 10 सितंबर 07 के आदेश से निर्देश दिया था कि वे ऐसा न करें। साथ ही आदेश में कहा था कि कलेक्टर की अनुमति के बिना कोई भी आंदोलन, बैठक व महापंचायत नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी इन्होंने अदालती आदेश का उल्लंघन किया बल्कि आमजन के अधिकारों का भी हनन किया है। याचिका में गुहार की गई कि आदेश की अवमानना करने पर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि जिससे कि पुनरावृत्ति न हो पाए।
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