मुख्यमंत्री से एक घंटे मुलाकात, बैसला ने कहा- सरकार की मंशा ठीक, 28 मुकदमे वापस होंगे
जयपुर. आरक्षण पर सरकार से दो टूक बात करने आए गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला सोमवार रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण तत्काल लागू करने का आश्वासन लेकर लौट गए। आंदोलन से जुड़े २८ मुकदमे वापस लेने का भी सरकार ने आश्वासन दिया है। सरकार ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि इसकी संभावनाएं तलाशने के बाद अगले दो-तीन दिन में ही इस पर फैसला कर लिया जाएगा। नौकरियों में आरक्षण के सवाल पर सरकार ने सर्वे का काम जल्दी पूरा करवाने का भरोसा दिलाया है। मुख्यमंत्री से करीब एक घंटे की मुलाकात के बाद बैसला ने कहा कि सरकार की मंशा में खोट नजर नहीं आता। हमने अपने लोगों से 10 दिन में खेतीबाड़ी का काम निबटाने को जरूर कहा था, लेकिन सरकार की मंशा ठीक है, इसलिए समय कोई मायने नहीं रखता। बैसला ने कहा कि हालांकि बकाया 4 प्रतिशत आरक्षण के लिए सरकार ने नवंबर तक का समय मांगा है, लेकिन मुझे जल्दी से जल्दी इस काम को पूरा कराने का भरोसा दिया गया है। इससे पहले बैसला ने पहले एक होटल में ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह से काफी देर तक चर्चा की। इसके बाद वे 8.15 बजे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री से अकेले में बात की। शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण के बारे में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि वे एक-दो दिन में ही अधिकारियों से चर्चा करके शिक्षण संस्थाओं मेंं आरक्षण लागू करने संभावनाएं तलाशेंगे।
आंदोलन ही नहीं, दूसरे रास्ते भी हैं
अपनी मांगों को लेकर आंदोलन के सवाल पर बैसला ने कहा कि हर मांग के लिए आंदोलन ही एकमात्र रास्ता नहीं है। इसके लिए दूसरे रास्ते भी हैं। मुझे उम्मीद है सरकार हमारे बकाया 4 प्रतिशत आरक्षण पर सर्वे के बाद जल्दी फैसला करेगी।
28 मुकदमे वापस होंगे
बैसला के अनुसार बातचीत में सरकार ने उन 28 मुकदमों को वापस लेने पर सहमति दे दी है, जिनकी वापसी पर अब तक दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन पा रही थी। इधर, गृहमंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि वही मुकदमे वापस लिए जा सकते हैं, जो वापस लिए जाने योग्य होंगे। अभी आंदोलन का औचित्य नहीं है, क्योंकि अधिकांश मांगें मान ली गई हैं।
देवनारायण बोर्ड का गठन नहीं होगा
देवनारायण बोर्ड के गठन के सवाल पर बैसला ने कहा कि इसका गठन तब तक नहीं होगा, जब तक हमारा 4 प्रतिशत आरक्षण का मामला नहीं सुलझ जाता। तब तक सरकार बोर्ड में एक आईएएस लगाएगी, वह सभी योजनाओं का बेहतर संचालन करेगा।
(दैनिक भास्कर से साभार)
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