गुर्जर दर्शन के सौवें अंक का विमोचन, भामाशाहों, संवाददाताओं और विज्ञापन प्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित, वक्ताओं ने दिया समाज में शिक्षा के प्रसार पर जोर
जयपुर . अगर समय के साथ प्रगति की राह पर आगे बढऩा है, तो पढऩा
जरूरी है बंधुओं। यह ठीक है कि खेती और पशुपालन हमारा पैतृक पेशा है,
लेकिन हमें राजनीति और प्रशासन में भी अपनी पैठ बनानी है। इसके लिए जरूरी
है कि हमारे बच्चे पढ़ें। यह कहना था गुर्जर समाज के प्रबुद्धजनों का।
मौका था गुर्जर समाज के प्रतिष्ठित समाचार पत्र गुर्जर दर्शन की चौथी
सालगिरह पर इसके सौवें अंक के विमोचन का।
इस मौके पर समाचार पत्र के प्रकाशन में सहयोग करने वाले भामाशाहों और
विज्ञापनदातों के साथ ही समाचार संकलन, व विज्ञापन जुटाने में अव्वल रहने
वाले प्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अंत में
संपादक सरदार गुर्जर ने सबका आभार व्यक्त किया।
समाचार लेखन एवं मार्केटिंग के गुर सिखाए
इससे पूर्व प्रेस क्लब के ही प्रेस कान्फ्रेंस हाल में गुर्जर दर्शन के
संवाददाताओं की समाचार लेखन एवं मार्केटिंग पर क्लास ली गई। इसमें बगड़ावत
डॉट ब्लॉगस्पॉट डॉट कॉम के संपादक शिवराज गुर्जर ने संवाददाताओं को बताया
कि कैसे कोई भी छोटी खबर महत्वपूर्ण हो सकती है। उन्होंने बताया कि खबर को
ऐसे बनाया जाए कि सारी महत्वपूर्ण जानकारी उसके इंट्रो में आ जाए। गुर्जर
दर्शन के संपादक सरदार गुर्जर ने मार्केटिंग की जानकारी देते हुए बताया कि
किस तरह सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाए। कैसे विज्ञापन ज्यादा से ज्यादा लाए
जाएं ताकि समाचार पत्र आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो। उन्होंने वादा किया कि
प्रसार संख्या दस हजार हाते ही वे इससे भी बड़ी ट्रीट जोधपुरिया देवधाम
में देंगे। संवाददाताओं ने उनके इस चैलेंज को स्वीकारा और कहा कि वे
जोधपुरिया में ट्रीट देने के लिए तैयार रहें।
संवाददाताओं को बैग, टी शर्ट और कैप
गुर्जर दर्शन की चौथी सालगिरह पर अखबार की सफलता के साझेदार संवाददाओं को
संपादक सरदार गुर्जर ने बेग, टी शर्ट और कैप दी। सब पर गुर्जर दर्शन का
लोगो लगा हुआ था। लाल रंग की टी शर्ट और सफेद रंग की टोपी लगाए सभी सदस्य
एक टीम की तरह नजर आ रहे थे।
आभार रिपोर्ट और तस्वीरों का.
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